श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालु को किया मंत्रमुग्ध

--शक्ति दुर्गा मंदिर में कथा वाचक मुकेश वशिष्ठ ने श्रीमद्भागवत कथा का किया वाचन संवाद सहयोगी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 03:09 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 03:09 PM (IST)
श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालु को किया मंत्रमुग्ध
श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालु को किया मंत्रमुग्ध

--शक्ति दुर्गा मंदिर में कथा वाचक मुकेश वशिष्ठ ने श्रीमद्भागवत कथा का किया वाचन

संवाद सहयोगी, दातारपुर : दातारपुर के शक्ति दुर्गा मंदिर में सुश्री देवा जी की अध्यक्षता में हो रही कथा में कथा प्रवक्ता मुकेश मोहन वशिष्ठ ने श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र का सुंदर विस्तृत वर्णन सुनाया। श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता की कथा सुनकर कथा समागम में उपस्थित सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। सुदामा की दयनीय दशा और भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपार निष्ठा के प्रसंग को सुनकर श्रद्धालुओं की आंखें भर आई। संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में कथाकार ने श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र का विस्तृत वर्णन सुनाया गया। उन्होंने बताया कि सुदामा के दरिद्र होने का कारण यह नहीं था कि वे धन का अर्जन नहीं कर सकते थे। सुदामा के पास विद्वता थी और धनार्जन तो सुदामा उससे भी कर सकते थे। मगर सुदामा पेट के लिए नहीं बल्कि आत्मा के लिए कर्म कर रहे थे। वे आत्मकल्याण के लिए उद्धत थे। भागवत जैसा ग्रंथ एक दरिद्र को प्रसन्नात्मा जितेंद्रिय शब्द से अलंकृत नहीं कर सकता और जिसे भागवत ही परमशांत कहते हो उसे कौन दरिद्र घोषित कर सकता है। पत्नी के कहने पर सुदामा का द्वारिका आगमन और प्रभु द्वारा सुदामा के सत्कार पर स्वामी जी ने कहा कि यह व्यक्ति का नहीं व्यक्तित्व का सत्कार है, यह चित की नहीं चरित्र की पूजा है। सुदामा की निष्ठा और सुदामा के त्याग का सम्मान है। मित्रता में बदले की भावना का स्थान नहीं होना चाहिए। भागवताचार्य ने भजनों के माध्यम से प्रभु की अतिकरूणा, कृपा वृष्टि की लीलाओं का श्रवण कर सभी श्रोता भावुक हो गए। इस दौरान कृष्ण-सुदामा की मनोहारी झांकी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप ने जैसे ही सुदामा बने स्वरूप के पैर धोए पंडाल में मौजूद श्रोता भावुक हो गए। कथा के दौरान भजनामृत की फुहार पर श्रोताओं का तन-मन झूम उठा। इस अवसर पर गणेशोत्सव कमेटी के प्रधान बाबी कौशल, कुलदीप शारदा, ध्यान सिंह, नरेश कुमार, सुखदेव, अश्वनी कुमार, प्रेम चंद, जवाहर लाल, अनुराग, सोनू, नीरज, सुमेश, बंटी, सौरव, सुनीता देवी, सुषमा, वीना, मीनाक्षी सहित अन्य उपस्थित थे।

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