ग्राउंड स्तर पर विकास के दावे खोखले, पहली बारिश से टूट गई सड़कें

पंजाब सरकार के नुमाइंदे हर मंच पर विकास के दावे कर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रहे लेकिन यह दावे जमीन पर आकर दम तोड़ जाते हैं। विकास किस गुणवत्ता से हो रहा है और अधिकारी इसे लेकर कितने गंभीर है यह किसी से छिपा नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:36 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:29 AM (IST)
ग्राउंड स्तर पर विकास के दावे खोखले, पहली बारिश से टूट गई सड़कें
ग्राउंड स्तर पर विकास के दावे खोखले, पहली बारिश से टूट गई सड़कें

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : पंजाब सरकार के नुमाइंदे हर मंच पर विकास के दावे कर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रहे लेकिन यह दावे जमीन पर आकर दम तोड़ जाते हैं। विकास किस गुणवत्ता से हो रहा है और अधिकारी इसे लेकर कितने गंभीर है यह किसी से छिपा नहीं है। इसकी ताजा मिसाल शहर की भीतरी व बाहरी सड़कों को देखकर मिलती है। हालांकि कुछ सड़कों पर रिकार्पेटिग भी हुई है पर अभी कई सड़कें ऐसी हैं जो मुरम्मत के लिए लंबे समय से तरस रही हैं और बरसात में तो यह हादसों का कारण बनती हैं। इसे लेकर निगम के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है। कुछ ऐसी सड़कें हैं जो बनाई तो गईं लेकिन एक ही बरसात में दम तोड़ गईं चाहे वह तारकोल से नहीं बनी थी। बरसात ने इंटरलाकिग सिस्टम ही घटिया गुणवत्ता के कारण धो डाला जिसकी मिसाल कोतवाली बाजार में मिलती है। लोग परेशान हैं और समस्या का हल नहीं हो रहा है।

इन इलाकों में उभर रहे जख्म

गौशाला बाजार, खानपुरी गेट, चितपूर्णी रोड, ऊना रोड, डीसी रोड से अमन अस्पताल व डीएवी कालेज रोड के हालात बदतर हैं। चितपूर्णी रोड पर गट्टा फेंक दिया जिससे वह परेशानी का सबब बन रहा है। यानी यह कहना गलत नहीं है कि शहर की लगभग आधे से ज्यादा सड़कें दम तोड़ चुकी हैं और खस्ताहाल सड़कें निगम को अपने जख्मों पर मरहम लगाने की दुहाई दे रही हैं। वहीं बारिश के दौरान गड्ढों में जमा पानी से सड़क का सही अंदाजा नहीं हो पाता, जिससे हादसे होते हैं। नगर निगम पैचवर्क करवाने के बजाय मिट्टी डालकर खानापूर्ति कर रहा है। इन सड़कों से गुजरते समय राहगीरों का हाल नाकों चने चबाने जैसा होता है।

गुणवत्ता पर भी उठते हैं सवाल

शहर में सड़कें बनाते समय सही मापदंड नहीं अपनाए जाते हैं। ठेकेदारों द्वारा सड़क बनाते समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता जिससे कुछ समय बाद ही सड़क उखड़नी शुरू हो जाती है। इसकी ताजा मिसाल कोतवाली रोड को देखकर मिलती है। दावे ठोकते हुए यह सड़क तोड़कर इंटरलाकिग टाइलों से बनाई गई और गुणवत्ता ऐसी कि पहली ही बरसात में काफी स्थानों से धंस गई और निकासी का दावा भी दम तोड़ गया।

जल्द होगा समस्या का समधान : मेयर सुरिदर शिदा

इस संबंध में मेयर सुरिदर कुमार शिदा ने कहा कि समस्या का जल्द हल होगा, टेंडर लगवाकर इन सड़कों को बनवाया जाएगा। अगर इसके अलावा शहर में कहीं सड़क टूटी है तो निगम द्वारा उसका पैचवर्क करवाया जाएगा, ताकि राहगीरों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

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