चौलांग टोल प्लाजा पर धरने के 142वें दिन केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया

दोआबा किसान कमेटी का चौलांग टोल प्लाजा पर कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ धरना बुधवार को 142वें दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 05:23 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:23 AM (IST)
चौलांग टोल प्लाजा पर धरने के 142वें दिन केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया
चौलांग टोल प्लाजा पर धरने के 142वें दिन केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया

संवाद सहयोगी, टांडा उड़मुड़ : दोआबा किसान कमेटी का चौलांग टोल प्लाजा पर कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ धरना बुधवार को 142वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जत्थेबंदी के प्रधान जंगवीर सिंह चौहान के दिशा निर्देशों अधीन लगाए धरने में अमरजीत सिंह, शिवपूर्ण सिंह, जरनैल सिंह, हरनेक सिंह, हरभजन सिंह, गुरमिदर सिंह ने कहा कि मोदी सरकार तुरंत झूठे मामले रद करके गिरफ्तार किसानों को रिहा करे। अन्नदाताओं के कई महीनों के संघर्ष के बावजूद केंद्र सरकार अभी भी कृषि सुधार कानूनों का गुणगान करने में मस्त है। उन्होंने कहा कि संघर्ष काले कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को टोल प्लाजा से दिल्ली आंदोलन के लिए बस भेजी जा रही है। इस मौके बलकार सिंह, साधू सिंह, सरदूल सिंह, जगमोहन सिंह, बलजिदर सिंह, बलदेव सिंह, गुरमीत सिंह, सुरिदर सिंह, गज्जन सिंह, कुलदीप सिंह, चन्नन सिंह, हरविदर सिंह, मंजीत सिंह, सुखविदर सिंह, करनैल सिंह, अवतार सिंह, रतन सिंह, सुरिदर सिंह, बलबीर सिंह, हरगुन सिंह, मेजर सिंह, गुरदेव सिंह, निमरित कौर उपस्थित थे। वहीं गांव •ाहूरा की संगत की ओर से किसानों के लिए लंगर का प्रबंध किया गया।

आंदोलन में हिस्सा लेने गए पद्दीसूरां के किसान की मौत

संवाद सहयोगी, गढ़शंकर : कृषि सुधार कानून के विरोध में दिल्ली आंदोलन में भाग लेने गए गढ़शंकर के गांव पद्दी सूरा सिंह के 70 वर्षीय किसान मलकीत सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। चार दिन पहले मलकीत सिंह राशन व किसानों को साथ लेकर दिल्ली गया था। मलकीत सिंह अपने पीछे एक लड़का, लड़की के अलावा पत्नी को छोड़ गया है। वहीं किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे कामरेड नेता दर्शन सिंह मट्टू, हरनेक सिंह भज्जल, महिदर सिंह कामरेड, जाट महासभा के महासचिव अजायब सिंह बोपाराय ने मलकीत सिंह के निधन पर परिवार के साथ दुख प्रकट किया। गांव वालों ने बताया कि मलकीत छह बार दिल्ली आंदोलन में शामिल हो चुका था।

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