क्रशर माफिया ने की सड़कों की हालत खराब, प्रशाहन सो रहा है कुंभकर्णी नींद

इलाके में क्रशर माफिया के कारण सड़के अपना अस्तित्व खोती जा रही है। हाजीपुर ब्लाक के अधीन आने वाले हंदवाल की स्थिती की बात करें तो यहां हिमाचल प्रदेश के क्रशरों द्वारा दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है और नए मकानों का निर्माण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 09:50 PM (IST)
क्रशर माफिया ने की सड़कों की हालत खराब, प्रशाहन सो रहा है कुंभकर्णी नींद
क्रशर माफिया ने की सड़कों की हालत खराब, प्रशाहन सो रहा है कुंभकर्णी नींद

संवाद सहयोगी, हाजीपुर : हाजीपुर के गांवों की सड़कों की हालत तो पहले से ही बहुत खराब थी। इन सड़कों पर किसी वाहन का चलना तो दूर की बात पैदल चलना भी मुश्किल था। इलाके में क्रशर माफिया के कारण सड़के अपना अस्तित्व खोती जा रही है। हाजीपुर ब्लाक के अधीन आने वाले हंदवाल की स्थिती की बात करें तो यहां हिमाचल प्रदेश के क्रशरों द्वारा दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है और नए मकानों का निर्माण किया जा रहा है। हंदवाल के लोग इस अवैध खनन से बहुत परेशान है। हिमाचल प्रदेश के क्रशरों से आने वाले वाहनों से नए घरों को आनी वाली सड़क पूरी तरह से टूट गई है। जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों का हंदवाल स्कूल और राहगीरों का आना बहुत मुश्किल हो गया है। कुछ लोगों को इस सड़क पर आते-जाते गंभीर चोटों का शिकार होना पड़ा है। जिसके कारण उन्हें अस्पताल के चक्कर काट अपने कामकाज ठप करके अस्पतालों में मोटी फीस देनी पड़ी है। बारिश के दिनों में तो स्थिती और भी गंभीर हो जाती है। जिसके कारण लोगों को कीचड़ का सामना करना पड़ता है। लेकिन न तो क्रशर माफिया को लोगों की इस परेशानी से कोई फर्क पड़ता है और न ही प्रशासन को। उन्हें तो सिर्फ पैसों से मतलब है। लोगों की जान से उन्हें कोई मतलब नही। दूसरी तरफ प्रशासन के अधिकारी भी आंखे मूंदकर कुंभकर्णी नींद में सोए हुए है। वह इन क्रशर माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं करते। जिससे लगता है कि उनकी क्रशर माफिया से साठगांठ है। गांव हंदवाल के लोगों ने पंजाब की चन्नी सरकार व माइनिग विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि वह इन क्रशर माफिया पर सख्त कार्रवाई करें। इन खराब हुई सड़कों को ठीक करवाए ताकि गांव हंदवाल के लोगों को यातायात के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। गांव वालों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कोई करवाई नहीं की तो उन्हें संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

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