समाज और राष्ट्र का निर्माता होता है शिक्षक

कर्मठ व कर्तव्य परायण अध्यापकों शिक्षकों को उनका बनता आदर देना समय की आवश्यकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 10:18 PM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 10:18 PM (IST)
समाज और राष्ट्र का निर्माता होता है शिक्षक
समाज और राष्ट्र का निर्माता होता है शिक्षक

संवाद सहयोगी, दातारपुर :

कर्मठ व कर्तव्य परायण अध्यापकों शिक्षकों को उनका बनता आदर देना समय की आवश्यकता है। क्योंकि कोई भी समाज अच्छे गुरुओं के बिना तरक्की नहीं कर सकता। रविवार अध्यापक दिवस के अवसर सेंट मेरी स्कूल भटोली दातारपुर में चर्चा करते हुए एमडी महेश शर्मा ने कहा इतिहास में दर्ज है की राजा धनानंद ने चाणक्य को भिक्षा मांगने वाला साधारण ब्राह्मण कह कर जलील किया। अपने दरबार से निकाल दिया तो चाणक्य ने कहा था, राजन अध्यापक कभी साधारण नहीं होता। निर्माण और विध्वंस उसकी गोद में खेलते हैं। राजनीति के ज्ञाता चाणक्य का यह कथन अपमानित होकर गुस्से में कहा गया केवल एक आम वाक्य नहीं था, बल्कि उसने इसे सिद्ध कर दिखाया था। साधारण से बालक चंद्रगुप्त को शिक्षित कर चाणक्य ने नंद वंश का नाश किया और चंद्रगुप्त को राजगद्दी पर बिठा दिया था। एक विद्यार्थी, एक अच्छा शिक्षक व एक पुस्तक, एक कलम पूरी दुनिया को बदल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अध्यापक कुछ घंटों की पढ़ाई में पूरे जीवन का सबक देता है। अपने माता-पिता के आश्रय से बाहर निकलने के बाद बच्चा ज्ञान के मंदिर या विद्यालय अथवा स्कूल में जाता हैं। इस ज्ञान के मंदिर में गुरु लोग ज्ञान का प्रकाश जगाने और प्रसारित करने का काम करते है। अच्छे व्यक्ति, अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र के लिए अच्छी शिक्षा का होना जरूरी है और उसी तरह सही शिक्षा के लिए सद्गुरु की आवश्यकता है। हमारे देश के जितने भी प्रबुद्ध नागरिक हैं, जो एक आम आदमी से लेकर राष्ट्राध्यक्ष तक हैं कितने भी महान हों कितने भी बड़े हों सभी के पीछे अध्यापक का ही हाथ होता है। इसलिए अध्यापक का सम्मान करना जरूरी है। साथ ही एक आदर्श अध्यापक के लिए भी वो क्षण सबसे सुखद होता है, जब वो कक्षा से बाहर आकर खुद से कह पाता है कि आज उसने किसी छात्र को बेहतर बनने में मदद की। इस अवसर पर बबिता, पूजा रानी, सपना, नेहा, शालू, कल्पना, अरुणा, रेनू, कुलदीप उपस्थित थे।

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