केंद्र सरकार किसानों के हितों के बारे में सोचे: प्लाहा

महत्वपूर्ण मुद्दे पीछे छूट गए हैं जिससे पंजाब का विकास कार्य बाध्य हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:10 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:04 AM (IST)
केंद्र सरकार किसानों के हितों के बारे में सोचे: प्लाहा
केंद्र सरकार किसानों के हितों के बारे में सोचे: प्लाहा

संवाद सहयोगी, मुकेरियां : किसान आंदोलन के कारण बहुत से महत्वपूर्ण मुद्दे पीछे छूट गए हैं, जिससे पंजाब का विकास कार्य बाध्य हो रहा है। सरकारों व राजनीतिक दलों की ऊर्जा और कीमती समय इस मुद्दे के कारण व्यर्थ गया है। कृषि सुधार कानून पर अपना पक्ष रखते हुए प्रदीप प्लाहा ने कहा कि इस कानून से किसान अपनी फसल बेचने के तरीके में बदलाव करके खुद फसल निर्माता व उद्योगपति बना सकता है। मगर विपक्षी दलों द्वारा किसानों को गुमराह किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर आज से कुछ वर्ष पहले एक कंपनी आई थी। इस कंपनी की शुरुआत गांवों की कुछ महिलाओं ने कुछ प्रोडक्ट बनाकर घर-घर बेचने से की थी। अच्छी गुणवत्ता के कारण प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ती गई। वह एक सफल कंपनी के रूप में स्थापित हो गई। आज का कृषि सुधार कानून भी बिल्कुल यही है। किसानों का गांव के स्तर पर एक पूल बने जो सुनिश्चित करें कि किस फसल को पैदा करना है और कहां बेचना है। यह पूल स्वयं की मंडियों का निर्माण भी कर सकता है व बड़े घरानों से सीधा मोल भाव करके फसल बेच सकता है। सभी किसान संगठन मिलकर संयुक्त रूप से कृषि सुधार कानून के लिए कार्य करें, तो निसंदेह किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। एक नए भारत का निर्माण हो सकता है।

वह केंद्र सरकार से भी अनुरोध करते है कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की जानी चाहिए, जिससे उनकी समस्या का समाधान हो सके।

chat bot
आपका साथी