सीबीआइ का नकली डीएसपी बन साथी सहित परिवार को दी धमकियां, केस

अपने आप को सीबीआइ का डीएसपी बताकर एक परिवार को धमकाने व उन्हें नशा तस्करी के आरोप में फंसाने व बाद में मामला रफा दफा करने के लिए दो लाख रुपये की मांग करने वाले दो लोगों को पुलिस ने नामजद किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Oct 2021 06:51 PM (IST) Updated:Sun, 31 Oct 2021 06:51 PM (IST)
सीबीआइ का नकली डीएसपी बन साथी सहित परिवार को दी धमकियां, केस
सीबीआइ का नकली डीएसपी बन साथी सहित परिवार को दी धमकियां, केस

जागरण संवाददाता, होशियारपुर

अपने आप को सीबीआइ का डीएसपी बताकर एक परिवार को धमकाने व उन्हें नशा तस्करी के आरोप में फंसाने व बाद में मामला रफा दफा करने के लिए दो लाख रुपये की मांग करने वाले दो लोगों को पुलिस ने नामजद किया है। मामला थाना सदर के अधीन पड़ते गांव आनंदगढ़ का है जहां के पीड़ित परिवार ने पुलिस को उक्त आरोपित के खिलाफ शिकायत दी थी। आरोपित एनआरआइ है और इंग्लैंड में पक्के तौर पर सेटल है। उसकी पहचान सतनाम सिंह पुत्र अवतार सिंह व उसके साथी बलकार सिंह पुत्र गुरमेल सिंह निवासी मन्नण थाना सदर के रूप में हुई है। पुलिस ने यह मामला जगजीवन सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी आनंदगढ़, थाना सदर के बयान पर दर्ज किया है।

बताया जा रहा है कि मामला दर्ज होने की भनक लगते ही आरोपित इंग्लैंड फरार हो गया। पुलिस अब उक्त आरोपित को देश वापस बुलाने के लिए यत्न कर रही है। यही नहीं जब आरोपित का भांडा फूट गया था और गांव वालों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया तो थाना सदर की पुलिस ने मिलीभगत कर उसे आनंदगढ़ से नहीं बल्कि बजवाड़ा नाके से गिरफ्तार शो कर दिया और उस पर 188 का यानी क‌र्फ्यू उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर दिया था। आरोपित क‌र्फ्यू के उल्लंघन के मामले में भी भगौड़ा है।

सीबीआइ का नकली डीएसपी बन दी परिवार को धमकियां

जगजीवन सिंह ने बताया कि गत 20 मार्च को वह ब्यास माथा टेकने गया था। वह खेतीबाड़ी करता है। उसके बच्चे व पत्नी घर में अकेले थे। आरोपित सतनाम सिंह जिसने शराब पी रखी थी आकर उनके घर का दरवाजा खटखटाने लगा। सतनाम सिंह के साथ उसका साथी बलकार सिंह भी मौजूद था। जगजीवन ने बताया कि जब उसके बेटे नवजोत सिंह ने दरवाजा खोला तो आरोपित सतनाम सिंह ने बताया कि वह चंडीगढ़ से आया है और सीबीआइ से है। उन्हें सूचना मिली है कि इस घर भारी मात्रा में अफीम पड़ी है वह अफीम चुपचाप निकाल दो। उन्होंने सूचना मिली है कि आप लोग नशे की तस्करी करते हैं, जिस पर नवजोत सिंह की उसके साथ बहस हो गई और उसने सतनाम सिंह को अपना आइडी (प्रमाण पत्र) दिखाने के लिए कहा। जिस पर बलकार सिंह ने धमकाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर नवजोत सिंह का ताया मौके पर पहुंच गया और उसने भी प्रमाण पत्र दिखाने को कहा। जब बुजुर्ग मामले में दखल देने लगे तो सतनाम सिंह ने जेब में से डायरी निकाली और कुछ लिखना शुरू कर दिया व बाद में कहा कि वह मामला सेट कर देगा बस दो लाख रुपये लगेंगे। इस दौरान नवजोत सिंह ने अपने चाचा को फोन करके बुला लिया। जब नवजोत का चाचा मौके पर पहुंचा तो उसकी अपने आप को डीएसपी कहने वाले सतनाम सिंह से बहस हो गई। चूंकि सतनाम सिंह ने शराब पी रखी थी और उसने कुछ अपशब्द बोल दिए। इस दौरान शोर सुनकर गांव वाले एकत्रित हो गए। सतनाम सिंह लोगों को देख आपे से बाहर हो गया और धक्कामुक्की शुरू कर दी। जब गांव वालों ने इसका जवाब दिया तो वह घबरा गया और सच बोल पड़ा कि वह डीएसपी नहीं है। वह एनआरआइ है और इंग्लैंड का रहने वाला है।

लोगों ने किया पुलिस हवाले तो कहीं और से दिखा दी गिरफ्तारी

जगजीवन सिंह ने बताया कि लोगों ने सतनाम सिंह व बलकार सिंह को पुलिस के हवाले कर दिया। जब उन्होंने कार्रवाई करने के लिए कहा तो सदर पुलिस ने सतनाम सिंह से सांठगांठ कर उस पर गलत मामला दर्ज कर दिया। यानी क‌र्फ्यू का उल्लंघन करने का। जिसके बाद आरोपित सतनाम सिंह ने उल्टा उन पर ही पुलिस की मिलीभगत से शिकायत दे दी। इसके बाद जब उन्होंने दोबारा एसएसपी दफ्तर में पेश हो मामला बताते हुए शिकायत दी तो जांच करने के बाद डीएसपी प्रेम सिंह ने सतनाम सिंह व उसके साथी बलकार सिंह को आरोपित पाते हुए मामला दर्ज किया है। जब इस बारे में सतनाम सिंह को पता चला तो आरोपित इंग्लैंड फरार हो गया जिसे पुलिस वापस लाने के लिए कार्रवाई कर रही है। ताकि आरोपित को सजा मिल सके।

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