बनें स्वावलंबी, परेशानी में आत्महत्या नहीं है निदान : अपराजिता

सीजेएम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता ने बयान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 07:00 AM (IST)
बनें स्वावलंबी, परेशानी में आत्महत्या नहीं है निदान : अपराजिता
बनें स्वावलंबी, परेशानी में आत्महत्या नहीं है निदान : अपराजिता

जागरण टीम, होशियारपुर, 10 सितंबर:

सीजेएम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी ने केंद्रीय जेल होशियारपुर का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट होशियारपुर के साथ मिलकर एक वर्कशाप प्रोग्राम का आयोजन किया। उन्होंने महिला व पुरुष हवालातियों के लिए अलग-अलग कोर्सों के बारे में बताते हुए कहा कि वे जेल में रहकर इन कोर्सों को पूरा कर सकते हैं, इन कोर्सों का समय 6 दिन, एक माह व तीन माह होता है। उन्होंने कहा कि यह कोर्स करने से हवालातियों का पूरा ध्यान इन कोर्सों की ओर रहेगा व इनके मन में किसी भी तरह का गलत विचार नहीं आएगा व जेल में हवालातियों में बढ़ रहे आत्म हत्या करने के रुझान में भी कमी आएगी।

सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी ने बताया कि हवालाती अपनी काबिलियत के अनुसार इन कोर्सों को कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हवालाती तभी आत्म हत्या करते हैं जब उनके पास कोई रोजगार नहीं होता व वे हर समय सोच-सोच कर अपने दिमाग का गलत इस्तेमाल करते हैं, फिर अंत में जब हवालाती को कोई रास्ता नजर नहीं आता तो वे आत्म हत्या के बारे में सोचते हैं, यही कारण है कि हवालातियों का आत्महत्या की ओर रुझान बढ़ रहा है व यदि इन कोर्सों को करते हैं तो वे जब जेल से रिहा होते हैं तो वे इन कोर्सों की मदद से अपना खुद का काम खोल सकते हैं या कहीं काम कर सकते हैं। इसलिए काबिल बनें, परेशानी में आत्महत्या करना नहीं है निदान।

अपराजिता जोशी ने सुपरिटेंडेट केंद्रीय जेल को निर्देश दिए कि आगे भी इस वर्कशाप को बार-बार लगाते रहें व इन कोर्सों में खाना बनाने, वेटर व यदि किसी ने अपना होटल या ढाबा खोलना व आटो रिक्शा चलाना आदि के कार्यों के बारे में बताया जाए। इस मौके पर केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेंट अनुराग कुमार, डिप्टी सुपरिटेंडेंट रमनदीप व फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की ओर से जिक्सी विरली व जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से पवन कुमार मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी