आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए आढ़तियों ने तीन घंटे नेशनल हाईवे पर दिया धरना किया जाम

28 नवंबर को गुरदासपुर के गांव घुमाण के आढ़ती जगजीत सिंह उर्फ काका ने ब्यास दरिया में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 01:12 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 06:12 AM (IST)
आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए आढ़तियों ने तीन घंटे नेशनल हाईवे पर दिया धरना किया जाम
आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए आढ़तियों ने तीन घंटे नेशनल हाईवे पर दिया धरना किया जाम

संवाद सहयोगी, टांडा : 28 नवंबर को गुरदासपुर के गांव घुमाण के आढ़ती जगजीत सिंह उर्फ काका ने ब्यास दरिया में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। एक सप्ताह बाद भी नामजद तीन आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए लोगों व आढ़तियों ने वीरवार को टांडा-अमृतसर पर गांव रड़ा के पास स्टेट हाईवे जाम करके पंजाब सरकार व टांडा पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तीन घंटे तक जाम हाईवे से ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई।

पुलिस ने इस मामले में एएफएसओ जसविदर सिंह, पनग्रेन के इंस्पेक्टर संदीप कुमार व ठेकेदार साहिब सिंह पर मामला दर्ज किया है।

आढ़तियों का आरोप था कि पुलिस राजनीतिक दवाब में कोई भी आरोपित गिरफ्तार नहीं कर रही है। आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा के नेतृत्व में लगाए गए इस धरने में आढ़तियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के कोटकपूरा से विधायक कुलतार सिंह संधवा, हलका श्री हरगोबिदपुर से शिअद (ब) मंत्री बलवीर सिंह बाठ, एडवोकेट अमरपाल काका भी शामिल हुए। आढ़तियों ने कहा कि कैप्टन सरकार के शासन में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है, किसी की सुनवाई नहीं हो रही है, लोग इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। मृतक जगजीत सिंह को मरने के लिए मजबूर करने वाले किसी भी आरोपित को अभी तक टांडा पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस छापेमारी का मात्र ड्रामा कर रही है क्योंकि छापेमारी से पहले पुलिस गुरदासपुर व बटाला की पुलिस को सूचना दे देती है और जो सूचना आरोपितों तक पहले ही पहुंच जाती है और छापेमारी से पहले ही आरोपित फरार हो जाते हैं। जो काम गुप्त होना चाहिए उसका शोर पुलिस पहले ही मचा देती है जोकि मात्र ड्रामे से अधिक कुछ नहीं। यदि पुलिस में इच्छा शक्ति होती तो आरोपित पहले ही दिन काबू किए जा सकते थे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब-तक पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं करती तब तक धरना जारी रहेगा। धरने लगने के बाद टांडा पुलिस सकते में आ गई और और मौके पर लोगों को शांत करने के लिए डीएसपी टांडा गुरप्रीत सिंह गिल पहुंच गए। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि टांडा पुलिस आढ़ती जगजीत सिंह की आत्म हत्या के मामले में तीनों आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की हर संभव प्रयास करेगी। छापेमारी की सूचना भी गुप्त रखी जाएगी। इस मौके डीएसपी टांडा के साथ तहसीलदार टांडा, एसएचओ टांडा हरगुरदेव सिंह मौजूद रहे। आरोपितों को गिरफ्तार करने का बार-बार आश्वासन देकर आढ़तियों ने धरना समाप्त कर दिया।

आढ़ती ने 28 नवंबर को की थी आत्महत्या

गुरदासपुर कस्बा घुमाण के आढ़ती जगजीत सिंह काका ने 28 नवंबर को पनग्रेन के अधिकारियों द्वारा धान में नमी का बहाना बनाकर 3 सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से रिश्वत की मांग की थी और पेमेंट के लिए काका को मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा था। जिसके बाद काका ने तंग आकर रड़ा के पास ब्यास दरिया में कूद कर आत्म हत्या कर ली थी। आत्म हत्या करने से पहले काका ने अपने परिवार वालों को फोन करके परिवार वालों को अपनी मानसिक परेशानी के बारे में बताया था। लगभग तीन घंटे तक शव की तलाश करने के बाद पुलिस को पसरावां के पास से शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में आढ़ती के भतीजे अवनीत सिंह पुत्र सुखजिदर सिंह निवासी घुमाण के बयान के आधार पर पनग्रेन अधिकारी एएफएसओ जसविदर संघा, इंस्पेक्टर संदीप कुमार व ट्रांसपोर्ट ठेकेदार साहब सिंह मंड के खिलाफ मामला दर्ज किया था, परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। सीबीआइ से जांच की करेंगे मांग : चीमा

इस मौके आढ़ती एसोसिएशन पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष रविदर सिंह चीमा ने कहा कि वह जल्दी ही पंजाब के गवर्नर को मिलकर एक ज्ञापन सौंपेंगे और इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग करेगें। क्योंकि जगजीत सिंह जैसे कितने ही आढ़ती हैं जिनसे रिश्वत की मांग की गई थी और यह सारी खेल राजनीतिक शह पर किया गया है, जिस कारण पंजाब सरकार से इंसाफ की आस नहीं की जा सकती। शनिवार को जगजीत सिंह की आत्म शांति के लिए की जा रही अंतिम अरदास के मौके अगली रणनीति तैयार की जाएगी। इस मौके विधायक कुलतार सिंह ने कहा कि आढ़ती जगजीत सिंह काका ने खुदकुशी नहीं की बल्कि उक्त तीनों आरोपितों ने उसका कत्ल किया है। जिसको कभी बर्दाश्त नहीं की जा सकता। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा।

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