चाय की चुस्की से विरोधी सन्न

लंबे अरसे के बाद नगर निगम की कुर्सी हथिया कर कांग्रेस के हाथ ने अब चाय की चुस्की से विरोधियों को सन्न कर दिया है। न पहले ऐसी किसी ने परंपरा शुरू की थी और न ही सोचा था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 03:44 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 05:00 AM (IST)
चाय की चुस्की से विरोधी सन्न
चाय की चुस्की से विरोधी सन्न

लंबे अरसे के बाद नगर निगम की कुर्सी हथिया कर कांग्रेस के हाथ ने अब चाय की चुस्की से विरोधियों को सन्न कर दिया है। न पहले ऐसी किसी ने परंपरा शुरू की थी और न ही सोचा था। नई परंपरा अच्छी और काबिल-ए-तारीफ भी है। दरअसल, मामला कुछ इस प्रकार है कि मेयर सुरिदर छिदा, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण सैनी, डिप्टी मेयर रंजीता चौधरी और निगम फाइनेंस कमेटी के चेयरमैन बलविदर बिदी अपनी जिम्मेदारियां संभालने के बाद सभी दलों के पार्षदों के घर जाकर मुलाकात कर रहे हैं। चाय की चुस्की के बहाने पार्षदों के घर पहुंचते हैं। गपशप करते हुए उनका धन्यवाद कर रहे हैं। इसके पीछे उनके राजनीतिक सलाहकार व मास्टरमाइंड कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा हैं। कांग्रेस के इस प्रयास से भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दल हैरान हैं।

मुझे न चाहो कोई बात नहीं

अगर तुम मुझे न चाहो तो कोई बात नहीं। हिदी गीत की यह पंक्तियां इन दिनों सियासी गलियारों में बिल्कुल फिट बैठ रही हैं। चुनावी बाजी जीत कर कांग्रेस का हाथ विरोधियों पर कुछ ऐसे ही हथकंडे से राजनीतिक वार कर रहा है। मामला जुड़ा है गरीब परिवारों के स्मार्ट कार्ड वितरण से। सियासी हुक्म पर फूल चढ़ाते हुए फूड एंड सप्लाई विभाग ने स्मार्ट कार्ड को हाथ यानी कि कांग्रेसियों के हवाले कर दिया। कांग्रेस के पार्षदों के साथ साथ हारे उम्मीदवार स्मार्ट कार्ड को बांट रहे हैं। इसका दुख भाजपा के पार्षदों को है। ऐसे पार्षद फूड एंड सप्लाई विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देने लगे हैं कि स्मार्ट कार्ड बांटने की नीति में दो आंखों से न देखा जाए। उन्हें स्मार्ट कार्ड बांटने की इजाजत न हो तो कोई बात नहीं है। मगर, कांग्रेस पार्षदों से प्यार करना चाहा तो मुश्किल होगी।

राशन से हो गई बदहजमी

गरीब परिवारों के डकारे गए राशन पर लीपापोती का दौर तेजी से चल रहा है। दरअसल, एक डिपो होल्डर ने गरीबों के राशन पर कुंडली मारकर अपनी जेबें गर्म कर ली। राशन हजम करने के बाद बगावत की गैस बनीं, तो घबराहट होना स्वाभाविक था। मामला उछलने पर डिपो होल्डर के होश पाख्ता हो गए। हजम किए गए राशन को बाहर निकालकर डिपो होल्डर ने मिन्नतें करके घर तक राशन पहुंचाया, जबकि पहले दलील दी थी कि रजिस्ट्रेशन की वजह से इस बार राशन नहीं मिलेगा। चाहिए तो था कि विभागीय अधिकारी डिपो होल्डर पर कार्रवाई का फोल्डर बनाते। मगर, गरीबों का राशन डकारने के मामले में अधिकारियों ने भी लीपापोती शुरू कर दी। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि गरीबों का राशन डकारने में डिपो होल्डर के साथ विभाग में छिपी काली भेड़े भी शामिल हैं। देखना है कि राशन से हुई बदहजमी अब दूर कैसे होती है।

जिपा की सियासत से सैनी परेशान

कांग्रेस में रहते हुए पार्षद से विधायक बनने की हसरत पूरी न कर पाने वाले ब्रह्मशंकर जिपा अब आप की टोपी पहनकर और झाड़ू पकड़ कर सियासी बिसात बिछा रहे हैं। आप के सुप्रीमो अरविदर केजरीवाल के साथ शहर में कई जगहों पर जिपा के लगे होर्डिंग्स इस बात का इशारा कर रहे हैं कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए लंगोटी सिला ली है। इस सारी सियासी बिसात में जिपा से कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा परेशान नहीं हैं, ज्यादा परेशानी आप के जिला प्रधान संदीप सैनी को है, उनकी परेशानी जायज भी है। संदीप सैनी विधानसभा चुनाव लड़ने की कवायद कर रहे हैं, लेकिन जिपा उनका राजनीतिक खेल बिगाड़ रहे हैं। देखना है कि संदीप के लिए उम्मीदों का दीप जलता है या फिर जिपा को टिकट का ब्रह्रास्त्र मिलता है।

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