नालों की सफाई के नाम पर 5.50 लाख की गड़बड़ी : पार्षद रत्तू
हर बार बरसात आने से पहले नगर कौंसिल की ओर से अलग-अलग मोहल्लों से गुजरते निकासी नालों की सफाई के लिए मता पास कर लाखों का टेंडर लगाया जाता है।
संवाद सहयोगी, मुकेरियां : हर बार बरसात आने से पहले नगर कौंसिल की ओर से अलग-अलग मोहल्लों से गुजरते निकासी नालों की सफाई के लिए मता पास कर लाखों का टेंडर लगाया जाता है। इस बार भी 5.50 लाख रुपये निकासी नालों की सफाई के लिए खर्च में डाले ताकि बरसात में जलभराव की समस्या पेश न आए। बुधवार सुबह से बारिश लगातार हो रही है जिसके चलते निकासी नालों की सफाई का दावा दम तोड़ता दिखाई दिया। इसके बावजूद नगर कौंसिल का दावा है कि सारे नाले साफ कर दिए गए हैं। शहर में जल निकासी की कहीं कोई समस्या नहीं है। तलवाड़ा रोड, आंबेडकर पार्क के पास बहते निकासी नाले की हालत देख उस समय यह दावे झूठे साबित हुए जब पार्षद पूनम रत्तू ने आसपास के दुकानदारों के साथ स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान पाया कि नालों को लोगों ने ऊपर से ढंक दिया है और कूड़ा फंसा हुआ है। इस पर पार्षद ने सवाल किया कि अगर नगर कौंसिल प्रबंधन ने सफाई करवाई है, तो ढंके हुए नालों में मशीन कहां से दाखिल हुई।
रिजेक्ट ठेकेदार को दे दिया ठेका
पार्षद ने कहा, भट्ठा कालोनी, रंधावा कलोनी सहित तलवाड़ा रोड़ मोनसर मंदिर की तरफ सभी नालों पर अवैध निर्माण हो चुका है। इस पर कोई भी अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि नालों की सफाई के लिए 5.50 लाख का ठेका भी उस ठेकेदार को दिया है जो पहले रिजेक्ट कर दिया था। वार्ड पार्षद पूनम रत्तू ने कह दिया कि यह सब कागजों का खेल है। नालों की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है।
शहर के अधिकांश नाले जाम
पार्षद पूनम रत्तू का कहना है कि शहर के अधिकांश नाले जाम हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा की सरकार आने पर कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हो रहे घोटालों की जांच करवाई जाएगी। इस मौके सतपाल सिंह, दलजीत सिंह, हरपाल सिंह, राकेश कुमार, राजकुमार उपस्थित थे। दूसरी ओर, इस संबंधी नगर कौंसिल मुकेरियां के कर्मिंदरपाल सिंह ने बताया कि बरसाती नाले की सफाई का कार्य किया जा रहा है।