जिला प्रशासन ने थामा हाथ, बनाया आत्मनिर्भर

घर-घर रोजगार मिशन के अंतर्गत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:16 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:16 PM (IST)
जिला प्रशासन ने थामा हाथ, बनाया आत्मनिर्भर
जिला प्रशासन ने थामा हाथ, बनाया आत्मनिर्भर

जागरण टीम, होशियारपुर :

पंजाब सरकार के घर-घर रोजगार मिशन के अंतर्गत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास जारी है। इसी प्रयास के तहत प्रशासन की ओर से सक्षम महिला, विकसित समाज कार्यक्रम चला कर जिला की कई महिलाओं को आत्म निर्भर बनाया जा चुका है। यह बात डीसी अपनीत रियात ने कही।

रियात शनिवार को जिला रोजगार ब्यूरो कार्यालय में 'उडारी प्रोजेक्ट' के तहत11 जरुरतमंद महिलाओं को नि:शुल्क ई-रिक्शा व ड्राइविग लाइसेंस सौंपने के बाद उनको हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उनके साथ सोनालिका सीएसआर प्रोजेक्ट डायरेक्टर संगीता मित्तल भी मौजूद थीं, जिनके सहयोग से इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक सफल बनाया जा सका।

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कुछ माह पहले कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा की ओर से जरुरतमंद महिलाओं को ई-रिक्शा देने के प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। प्रोजेक्ट की सफलता के बाद आज इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए जिले की अन्य जरुरतमंद महिलाओं को ई-रिक्शा सौंपे गए हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग, तलाकशुदा, विधवा व अन्य जरुरतमंद महिलाओं को ई-रिक्शा प्रदान करने के लिए सीएसआर के अंर्तगत सोनालिका समूह की ओर से आर्थिक मदद करते हुए यह बेहतरीन पहल की गई है, जो कि बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि जिला रोजगार ब्यूरो की ओर से इंटरव्यू के माध्यम से पहले ही 11 जरुरतमंद महिलाओं का चयन कर इनको 20 दिन की ड्राइविग की ट्रेनिग दी गई व इनके लाइसेंस बनवाने तक की सारी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

समाज के लिए मिसाल बनेंगी महिलाएं : डीसी

डीसी ने इस दौरान उक्त सभी लाभार्थी महिलाओं से बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और कहा कि वे समाज की अन्य महिलाओं के लिए मिसाल बनेंगी। उन्होंने कहा कि जरुरतमंद महिलाओं को सौंपे गए ई-रिक्शा से उनके हौंसले के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा व ऊर्जा मिली है।

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए जिला रोजगार अधिकारी गुरमेल सिंह, प्लेसमेंट अधिकारी मंगेश सूद, कैरियर काउंसलर आदित्य राणा सहित ब्यूरो की पूरी टीम ने सख्त मेहनत की है, जिसके कारण यह प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक संपन्न हो सका है।

जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रशासन का दिया जाता है सहयोग

सोनालिका सीएसआर प्रमुख संगीता मित्तल ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से जरुरतमंद महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रशंसनीय प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि सोनालिका की ओर से जिले के विकास व जरुरतमंद लोगों की मदद के लिए जिला प्रशासन को हमेशा सहयोग दिया जाता है और भविष्य में भी यह क्रम इसी तरह जारी रहेगा। इस अवसर पर सोनालिका सीएसआर कोआर्डिनेटर नीरज मनोचा, संगीता हांडा के अलावा ई-रिक्शा ट्रेनर लिपिका शर्मा भी मौजूद थे।

अब आत्म निर्भर बन कर सकती हूं परिवार का गुजारा : प्रिया

ई-रिक्शा लाभार्थी होशियारपुर की प्रिया ने कहा कि उसके पति की कैंसर से मौत हो गई थी। घर में कमाने वाला कोई नहीं था, उसके दो बच्चे हैं। ऐसे में परिवार का गुजार-बसर कर पाना बहुत मुश्किल हो गया था। किसी ने उन्हें जिला रोजगार ब्यूरो जाने के लिए कहा। जब वे यहां आई और अधिकारियों को अपनी स्थिति के बारे में बताया तो उन्होंने उसको आत्म निर्भर बनाने केलिए ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिग दी और इस काबिल बनाया कि अब वह अपने व अपने परिवार का गुजारा चला सकती है। उन्होंने कहा कि आज उसे नई ई-रिक्शा मिली है, जिसने कि उसके जीवन को रोशन कर दिया है। उसने कहा कि वह हमेशा जिला प्रशासन व सोनालिका समूह की आभारी रहेंगी, जिसके कारण वह आत्म निर्भर बन पाई है।

पति की मौत के बाद जिला प्रशासन ने बढ़ाया हाथ : वंदना

ई-रिक्शा लाभार्थी होशियारपुर की वंदना ने बताया कि उसके पति की कुछ समय पहले मौत हो गई थी। उसकी ढाई महीने की बच्ची है। पति की मौत के बाद अपना व बच्ची का गुजारा करना बहुत मुश्किल हो गया था, इसलिए वह अपने मां-बाप के घर में रह रही हैं। वंदना ने बताया कि किसी ने उसको जिला रोजगार ब्यूरो जाने के लिए कहा और यहां आने पर उसको स्वाभिमान से जीने की नई राह मिली है और अब वह आत्मनिर्भर बन अपना व अपने परिवार का गुजारा चला सकती है। उसने कहा कि जिला प्रशासन ने उसका हाथ थाम कर उसे नई दिशा दिखाई है, जिसके लिए वह प्रशासन की हमेशा आभारी रहेगी। उसने अन्य जरुरतमंद महिलाओं को भी अपील करते हुए कहा कि वे किसी के सामने हाथ न फैलाएं बल्कि खुद अपने पैरों पर खड़ी हों।

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