हादसे में घायल युवक पौने घंटे तड़पता रहा, नहीं पहुंची एंबुलेंस, बाइक पर अस्पताल ले जाने के बाद मौत

निकटवर्ती गांव बाह्मणी में तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:54 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:54 PM (IST)
हादसे में घायल युवक पौने घंटे तड़पता रहा, नहीं पहुंची एंबुलेंस, बाइक पर अस्पताल ले जाने के बाद मौत
हादसे में घायल युवक पौने घंटे तड़पता रहा, नहीं पहुंची एंबुलेंस, बाइक पर अस्पताल ले जाने के बाद मौत

संवाद सूत्र, बहरामपुर : निकटवर्ती गांव बाह्मणी में तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटनास्थल पर करीब 45 मिनट इंतजार करने के बाद जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो घायल को आसपास के लोगों ने मोटरसाइकिल पर बड़ी मशक्कत से बहरामपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां डाक्टर नहीं होने के कारण दर्जा चार कर्मचारियों ने फ‌र्स्ट एड देकर घायल को गुरदासपुर रेफर कर दिया। वहां से एक निजी गाड़ी के माध्यम से घायल को सिविल अस्पताल गुरदासपुर में भर्ती करवाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण उसके भाई की मौत हुई है। मृतक की पहचान राजीव (32) पुत्र दया राम वासी गांव एमए के रूप में हुई है।

भाई अशोक ने बताया कि राजीव अपने परिवार की दो महिलाओं के साथ मोटरसाइकिल पर बहरामपुर से अपने गांव एमए की ओर से जा रहा था। जब वह गांव बाह्मणी के पास पहुंचा तो आगे जा रही तेज-रफ्तार ट्रैक्टर को क्रास करते समय ट्रैक्टर-ट्राली ने साइड मार दी। इससे मोटरसाइकिल सवार तीनों सड़क पर गिर गए। हादसे में महिलाओं को तो नाममात्र खरोचें आई जबकि राजीव बुरी तरह से घायल हो गया। लापरवाही और अव्यवस्था की दास्तां, जिससे गई जान

अशोक ने बताया कि घायल राजीव को निकटतम बहरामपुर अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए एंबुलेंस चालक को सूचित किया, मगर करीब पौने घंटा इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। इस दौरान राजीव घायल अवस्था में तरपता रहा। बाद में बड़ी मुश्किल से एक मोटरसाइकिल पर आसपास के लोगों की मदद से उसे बहरामपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां डाक्टर नहीं थे। हालांकि अस्पताल में एंबुलेंस लगी हुई थी, मगर ड्राइवर वहां नहीं था। इस कारण राजीव को घायल अवस्था एक निजी गाड़ी के माध्यम से सिविल अस्पताल गुरदासपुर लाया गया। वहां उसकी मौत हो गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रबंधों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर समय पर एंबुलेंस पहुंच जाती तो उसके भाई की जान बच सकती थी। उसने आरोप लगाया कि वैसे तो राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग लाख दावे करते हैं कि अस्पतालों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है। मगर ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया। बहरामपुर अस्पताल में एक भी डाक्टर तैनात नहीं था। वहीं एबुलेंस चालक का भी कोई पता नहीं था। लापरवाही के कारण ही उसके भाई की जान गई है। दो छोटे बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

राजीव झबकरा में मीट की दुकान करता था। उसके दो छोटे बच्चे हैं, जिनमें एक बेटी और एक बेटा है। बच्चों के सिर से छोटी आयु में ही पिता का साया उठ गया है। वहीं पत्नी भी विधवा हो गई है। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर, पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्राली को कब्जे में अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।

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