मेडिकल नशे के खेल में पंजाब के युवा आ रहे काला पीलिया की चपेट में, लगातार बढ़ रहे मामले

पंजाब में काला पीलिया की स्थिति बेहद खतरनाक होती जा रही है। अगर समय रहते नशे पर लगाम न कसी गई तो स्थिति और ज्यादा भयंकर हो सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 03:16 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 03:16 PM (IST)
मेडिकल नशे के खेल में पंजाब के युवा आ रहे काला पीलिया की चपेट में, लगातार बढ़ रहे मामले
मेडिकल नशे के खेल में पंजाब के युवा आ रहे काला पीलिया की चपेट में, लगातार बढ़ रहे मामले

होशियारपुर [हजारी लाल]। मेडिकल नशे के खेल में युवाओं में काला पीलिया घर करता जा रहा है। खतरनाक बीमारी काला पीलिया की चपेट में अधिकतर युवा वर्ग आ रहे हैं। चौकाने वाला पहलू यह है कि जिले में डेढ़ साल की अवधि में 3500 के करीब युवाओं को इस बीमारी ने अपनी गिरफ्त में लिया है। हालांकि दवाइयां खाने के बाद काफी संख्या में युवक ठीक भी हो रहे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक जिले में बीते डेढ़ साल में 3500 युवा काला पीलिया के शिकार हुए हैं। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि इसके टेस्ट को लिए जाने वाले सैंपल में 90 फीसद में काला पीलिया के लक्षण पाए जा रहे हैं। काला पीलिया की चपेट में आ रहे युवा मेडिकल नशा करने के आदी हैं।

नशे की वजह से ही उनमें काला पीलिया जन्म ले रहा है। इनमें 18 से लेकर 25 साल तक युवाओं की संख्या ज्यादा है। काला पीलिया से पीड़ितों का स्वास्थ्य विभाग तीन माह तक लगातार इलाज करता है और इसके बाद फिर से उनका टेस्ट किया जाता है।

अगर उनकी रिपोर्ट नेगेटिव होती है तो ठीक, वर्ना, उनका नए से सिरे से इलाज होता है। जिले में काला पीलिया की स्थिति बेहद खतरनाक होती जा रही है। अगर समय रहते नशे पर लगाम न कसी गई, तो स्थिति और ज्यादा भयंकर हो सकती है। कुछ युवकों ने बताया कि काला पीलिया की चपेट में ऐसे युवक आ रहे हैं, जो सिरींज का प्रयोग करते हैं, क्योंकि नशेड़ियों की टोली एकांत जगह में इकट्ठे बैठकर एक ही सिरींज से कई नशेड़ियों को टीके लगाती है। इससे ही काला पीलिया को दावत मिलती है। इसके अलावा प्रतिबंधित टीका के ज्यादा प्रयोग भी शरीर पर विपरीत असर डालता है, जो धीरे-धीरे बीमारी के मुंह में ले जाता है।

काला पीलिया के लक्षण

आंख का पीला होने सहित पेशाब का पीला आना इसके मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा भूख कम लगना व थकावट रहना, बुखार रहना भी इसके मुख्य कारण हैं।

बीमारी फैलने के कारण

नशे के टीके का इस्तेमाल करने सहित दूषित खून चढ़ाने व दूषित सूइयों को संयुक्त तौर पर इस्तेमाल करने से भी यह पीलिया फैलता है।

ऐसे करें बचाव

नशे के टीके का इस्तेमाल न करें और दूषित सूइयों का भी साङो तौर पर प्रयोग न करें। इसके अलावा किसी भी प्रकार के नशे से बचने से इससे बचा जा सकता है।

नशे से रहें दूर

एपीडीमोलॉजिस्ट डॉ. शैलेष कुमार का कहना है कि काला पीलिया के मरीज का मुफ्त में इलाज किया जाता है। ज्यादातर केस की स्टडी करने पर यह सामने आया है कि मेडिकल नशा करने वाले युवाओं में काला पीलिया ज्यादा फैल रहा है, इसलिए युवा वर्ग को सभी प्रकार के नशे से बचना चाहिए।

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