सड़कों के दोनों किनारों पर लगाई जाएगी येलो लाइन : मेयर

शहर के विभिन्न मुख्य बाजारों में दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक समस्या विकराल रूप धारण कर गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 03:10 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 03:10 PM (IST)
सड़कों के दोनों किनारों पर लगाई जाएगी येलो लाइन : मेयर
सड़कों के दोनों किनारों पर लगाई जाएगी येलो लाइन : मेयर

संवाद सूत्र, बटाला : शहर के विभिन्न मुख्य बाजारों में दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक समस्या विकराल रूप धारण कर गई है। इसके हल के लिए यातायात पुलिस और नगर निगम की ओर से नया रोडमैप तैयार करते हुए शहर के सभी बाजारों की सड़कों के दोनों ओर येलो लाइन लगाई जा रही है।

इस संबंधी दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान मेयर सुखदीप सिंह तेजा ने बताया कि पिछले काफी अर्से से गांधी चौक, सिटी रोड, सिनेमा रोड, खजूरी गेट, जालंधर रोड, गुरदासपुर रोड, डेरा रोड जैसे मुख्य बाजारों में दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के बाहर दस फीट से लेकर 20 फीट तक सामान सड़कों पर डिस्प्ले किया जा रहा है। जब भी वाहन चालक ग्राहक खरीदारी के लिए आता है तो वह अपना वाहन बाहर लगे समान के आगे खड़ा कर देता है। इस कारण यातायात बाधित हो जाता है और जगह-जगह जाम लगने की स्थिति पैदा हो जाती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों के बीच बातचीत के दौरान येलो लाइन लगाने का निर्णय लिया गया है। 3

एक-दो दिन में शुरू होगा काम : मेयर

मेयर ने कहा इस योजना की शुरुआत गांधी चौक से एक-दो दिन के भीतर कर दी जाएगी। सभी मुख्य बाजारों की सड़कों पर येलो लाइन लगाई जाएगी। इसके बाद जो भी दुकानदार निश्चित रेखा के बाहर समान लगाता हुआ देखा गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पूर्व प्रधान सुभाष सेखड़ी के वक्त यह फार्मूला अपनाया गया था

अतिक्रमण के खिलाफ नियंत्रण रखने के लिए 25 वर्ष पूर्व नगर परिषद के तत्कालीन प्रधान सुभाष सेखड़ी के कार्यकाल के दौरान यह फार्मूला अपनाया गया था कि जब गांधी चौक से लेकर नेहरू गेट तक सड़क के दोनों ओर दुकानों के आगे पांच फीट जगह छोड़कर येलो लाइन लगा दी गई थी। दुकानदारों को अपना सामान इस रेखा के अंदर रखने की सख्त हिदायत दी गई थी, लेकिन इन 25 वर्षो के अंतर काल के दौरान वाहनों की संख्या शहर में कई गुना बढ़ चुकी है। सड़कें उतनी ही चौड़ी हैं, जितनी आज से दशकों पूर्व थीं। अब यह तो समय ही बताएगा कि नगर निगम और यातायात पुलिस का यह प्रयास कैसा रंग लाता है। यहां यह भी काबिले गौर है कि अतिक्रमण के कारण दिन के समय संकीर्ण से दिखने वाले बाजार रात्रि नौ बजे के बाद मैदान की तरह नजर आते हैं।

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