एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से टीकाकरण व सैंपलिग का काम प्रभावित

स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को रोकने के लिए कोविड वैक्सीनेशन में तेजी लाने के आदेश दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:52 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:52 PM (IST)
एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से टीकाकरण व सैंपलिग का काम प्रभावित
एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से टीकाकरण व सैंपलिग का काम प्रभावित

राजिदर कुमार, गुरदासपुर

नर्सिंग स्टाफ व एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जिलेभर में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को रोकने के लिए कोविड वैक्सीनेशन में तेजी लाने के आदेश दिए गए हैं। मगर एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण नौबत यहां तक आ पहुंची है कि जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को नर्सिंग का कोर्स कर रहे विद्यार्थियों को फील्ड में उतारना पड़ गया है। हालांकि इसके बावजूद टीकाकरण मुहिम अभी भी धीमी चल रही है। वहीं कोरोना सैंपलिग भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अगर समय रहते कर्मचारियों की हड़ताल खत्म नहीं हुई तो सैंपलिग व टीकाकरण का कार्य काफी पिछड़ जाएगा। जबकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोक पाना भी मुश्किल हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि हड़ताल से पहले रोजाना करीब चार हजार सैंपलिग व करीब 15 हजार से अधिक कोविड वैक्सीनेशन की जा रही थी। हड़ताल के बाद अब सारा काम रेगुलर कर्मियों पर आ गिरा है। जिस कारण सैंपलिग व टीकाकरण का कार्य काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नर्सिंग विद्यार्थियों की कई टीमें बनाकर जिले के विभिन्न ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों सहित कई जगहों पर कैंपों के लिए भेजा गया जहां नर्सिंग विद्यार्थियों की ओर से रेगुलर स्टाफ के साथ मिलकर वैक्सीनेशन की गई। हालांकि इसे लेकर कुछ नर्सिंग विद्यार्थियों की ओर से अंदर खाते विरोध भी किया गया, मगर विभाग के आदेशों का पालन करना अधिकारियों के गले की फांस बन चुका है क्योंकि एनआरएचएम कर्मियों की हड़ताल प्रदेशभर में है। सरकारी अस्पतालों में खलने लगी कर्मचारियों की कमी

बीते चार दिनों से एनआरएचएम व अन्य कच्चे मुलाजिम पक्का करने की मांग सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर सिविल अस्पताल सहित अन्य सेंटरों पर कामकाज छोड़कर हड़ताल कर बैठे हैं। इससे न केवल सिविल अस्पताल बल्कि ग्रामीण सेंटरों में भी कर्मचारियों की कमी खलने लगी है। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कुछ रेगुलर कर्मचारियों पर ही इसका पूरा बोझ आ गया है। कई विभागों में जिसमें जच्चा बच्चा विभाग, वैक्सीनेशन, बच्चों का टीकाकरण, रूरल व अर्बन पीएचसी सहित अन्य केंद्रों पर कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के चलते वहां लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों का टीकाकरण भी प्रभावित

कर्मचारियों की हड़ताल पर होने के चलते बच्चों का टीकाकरण भी प्रभावित हो रहा है। एनआरएचएम मुलाजिमों ने सरकार पर आरोप लगाया कि हड़ताल के इतने दिन बाद भी सरकार मुलाजिमों की सेवाओं के रेगुलर करने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं कर रही। हड़ताल के कारण सरकारी अस्पताल में बच्चों को टीकाकरण पूरी तरह से नहीं मिल रहा है, क्योंकि एनआरएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण रेगुलर स्टाफ द्वारा ही बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। जिस कारण अधिकतर बच्चों को टीका लगवाने के लिए आने वाली महिलाओं को अस्पताल से मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में लगी वैक्सीन

तिथि - वैक्सीनेशन

23 -- 9748

25 -- 12225

26 -- 10549

27 -- 11522

29 -- 11105

30 -- 12213 दिसंबर में हुई वैक्सीनेशन तिथि - वैक्सीनेशन

1 - 5698

2 - 11852

3 - 7399

4 - 5089

7 - 10726

दिसंबर में हड़ताल से पहले सैंपलिग

तिथि - सैंपलिग

1 - 2245

2 - 2368

3 - 2401

4 - 2106

5 - 1067

6 - 2141

7 - 1949

8 - 1111

9 - 2290 वीरवार को भी मरीज हुए परेशान

वीरवार को चौथे दिन भी नर्सिंग स्टाफ व एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से मरीजों को परेशानी हुई। भले ही डाक्टरों ने मरीजों का चेकअप वगैरा किया, मगर अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय पर दवा व ग्लूकोज नहीं मिला। नर्सिंग स्टाफ व एनआरएचएम कर्मियों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करते,तब तक संघर्ष जारी रहेगा। लगातार किया जा रहा टीकाकरण

जिला टीकाकरण अधिकारी डा.अरविद मनचंदा का कहना है कि भले ही एनआरएचएम कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है। मगर रेगुलर स्टाफ द्वारा लगातार टीकाकरण किया जा रहा है। जिन लोगों ने अभी कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई है, वह टीकाकरण जरुर करवाएं। उन्होंने बताया कि जिले भर में अब तक 15 लाख से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

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