गिरते भूजल को बचाने में जुटे दो दोस्त

गिरते जा रहे भूजल को बचाने के लिए कस्बे के दो समाज सेवक हरदीप सिंह मठारु व चंचल कुमार जुटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 03:04 PM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 03:04 PM (IST)
गिरते भूजल को बचाने में जुटे दो दोस्त
गिरते भूजल को बचाने में जुटे दो दोस्त

महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर

गिरते जा रहे भूजल को बचाने के लिए कस्बे के दो समाज सेवक हरदीप सिंह मठारु व चंचल कुमार जुटे हुए हैं। पिछले समय के दौरान एनआरआइज के सहयोग से बारिश के पानी के संभाल के लिए तैयार करवाए गए रैन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम वरदान साबित हो रहे हैं।

समाज सेवक हरदीप सिंह मठारु व चंचल कुमार ने बताया कि वे दोनों दोस्त हैं। पानी का स्तर गिरते देखते हुए उन्होंने ठान लिया था कि अब व बारिश के पानी को बचाने के लिए प्रयास करेंगे। इसके बाद उन्होंने विदेशों में रहते एनआरआइज के साथ संपर्क करके पहले बाबा कार स्टेडियम कलानौर में 70 हजार रुपये की लागत से रैन हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार किया था। इसके बाद अपनी सूझबूझ व अनुभव से कस्बे के एक स्टेडियम व एक सरकारी स्कूल में रैन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम एक लाख दस हजार रुपये खर्च कर लगवाए। इस सिस्टम को तैयार करने के लिए 50 फीट गहरा बोर किया गया। सबसे नीचे 18 फीट का फिल्टर, उसके नीचे पत्थर, कोला, बजरी, रेत की परतें बनाकर ग्राउंड का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त 50 फीट गहरी हवा वाली पाइप भी लगाई गई। चौथा रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम कोरोना को कारण नहीं लगा

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को बनाने का सुझाव मर्चेट नेवी में तैनात महकप्रीत सिंह कौर ने दिया था। उसने यह आइडिया सेशन कोर्ट लुधियाना के जज के रीडर कंवलजीत सिंह विर्दी द्वारा धूरी में बनाए गए रैन वाटर हार्वेस्टिग से लिया था। उन्होंने बताया कि एनआरआइज के सहयोग से तीन हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार कर लिए गए हैं। चौथा सिस्टम डीएवी स्कूल कलानौर में बनाने की योजना थी, लेकिन कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के कारण यह प्रोजेक्ट अभी अधूरा पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि पानी के स्त्रोत को बचाने के लिए ऐसे सिस्टम बनाने की बहुत आवश्यकता है ताकि बारिश के पानी को नष्ट होने से बचाया जा सके।

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