कांग्रेसी महिला सरपंच के पति की पंचायत में पगड़ी उतार दी जान से मारने की धमकी, तीन लोगों पर केस

कांग्रेसी महिला सरपंच के पति की भरी पंचायत में पगड़ी उतारने (बेअदबी करने) जान से मारने की धमकी देने व रास्ता रोकने के आरोप में थाना घुमान पुलिस ने तीन के खिलाफ मामला दर्ज किया। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित भी कांग्रेसी पार्टी के वर्कर है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:19 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 02:19 PM (IST)
कांग्रेसी महिला सरपंच के पति की पंचायत में पगड़ी उतार दी जान से मारने की धमकी, तीन लोगों पर केस
थाना घुमान पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

बटाला (गुरदासपुर), जेएनएनः कांग्रेसी महिला सरपंच के पति की भरी पंचायत में पगड़ी उतारने (बेअदबी करने), जान से मारने की धमकी देने व रास्ता रोकने के आरोप में थाना घुमान पुलिस ने तीन के खिलाफ मामला दर्ज किया। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित भी कांग्रेसी पार्टी के वर्कर है। इस बात की पुष्टि थाना घुमान के एएसआइ बलबीर सिंह ने की। पीड़ित सीआरपीएफ से सब-इंस्पेक्टर के पद से वर्ष 2017 में सेवानिवृत हुआ। फिलहाल गांव में खेतीबाड़ी का काम देखता है। पुलिस ने पीड़ित कुलविंदर सिंह के ब्यान पर कांग्रेसी वर्कर गुरदीप सिंह, जसबीर सिंह, अनमोलदीप सिंह के खिलाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वाक्य 28 अक्तूबर की शाम का है।

फिलहाल वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपित मौके से फरार हो गए है। पुलिस द्वारा उनके घरों तथा जानकारों के यहां छापेमारी कर रही है। पुलिस को दिए ब्यान में कुलविंदर सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी गुरविंदर कौर गांव बोपाराय की सरपंच है। वैसेे गांव के विकास कार्य तथा समस्या के समाधान का काम वह खुद देखता है। पिछले दिनों हमलावरों के घर के बाहर शैड का निर्माण सरकारी फंड से कराया था। उसकी तरफ जाने वाले सरकारी रास्ते को लेकर वह उससे तकरार करने लगे।

उन्होंने शराब पी रखी थी। जान-बचाकर वहां से भागा। पंचायत ने आपस में समझौता कराने के लिए 28 अक्तूबर की शाम का समय मुकर्रर किया। पंचायत में दोनों को एक-दूसरे को आमने-सामने बैठा दिया। इस बीच दोनों में तू-तू, मैं-मैं हो गई। गुस्से में आकर हमलावरों ने उसकी पगड़ी उतार दी फिर उसके साथ मारपीट की तथा मौके से फरार हो गए।

इमानदारी से देश की सेवा के लिए नौकरी कीःकुलविंद सिंह

सरपंच के पति कुलविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने तीस वर्ष सीआरपीएफ में इमानदारी से देश की सुरक्षा के लिए नौकरी की। सेवानिवृत होने के बाद चुनाव लड़े तो पत्नी विजेता रही। गांव के विकास कार्य में सरकारी फंड का कभी दुरुपयोग नहीं होने दिया गया। मनरेगा के तहत मिले फंड को गांव के विकास में लगाए। इतना ही नहीं, जिन्होंने उसकी पगड़ी उतारी। उनका कर्ज माफ करवाने तथा पशुओं के शैड डलवाने के लिए उनकी पूरी मदद की।

नहीं बख्शे जाएंगे आरोपितः बलबीर सिंह

थाना घुमान के एएसआइ एवं इस केस के जांच अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। वारदात वाले दिन वह मौके पर पहुंच गए थे। फिलहाल आरोपत फरार है। वे बिल्कुल बख्शे नहीं जाएंगे, जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएंगा।

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