खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों मीट्रिक टन गेहूं बारिश से भीगी

मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी जिले की मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों मीट्रिक टन गेहूं की फसल को संभालने के अग्रिम प्रबंध नहीं किए। नतीजतन किसानों की मेहनत बारिश से पानी पानी हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:40 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:40 PM (IST)
खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों मीट्रिक टन गेहूं बारिश से भीगी
खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों मीट्रिक टन गेहूं बारिश से भीगी

राजिदर कुमार, गुरदासपुर : मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी जिले की मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों मीट्रिक टन गेहूं की फसल को संभालने के अग्रिम प्रबंध नहीं किए। नतीजतन किसानों की मेहनत बारिश से पानी पानी हो गई। हालांकि जिला प्रशासन से लेकर मंडी बोर्ड के अधिकारी व पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा दावा किया जा रहा था कि अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद से लेकर संभाल तक के तमाम प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं, मगर शनिवार दोपहर एक बजे के करीब शुरू हुई तेज बारिश ने प्रबंधों की पोल खोल कर रख दी। हैरानी की बात यह रही कि बारिश के दौरान गेहूं से भरी बोरियों व गेहूं के लगे ढेरों को ढकने के लिए तिरपालें तक नहीं डाली गई।उधर बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। इस कारण किसानों को दोहरी मार पड़ी है। हालांकि मौसम विभाग के अलर्ट के बाद किसानों ने गेहूं की कटाई में पहले से दोगुना अधिक तेजी ला दी थी, लेकिन बारिश से यहां गेहूं की कटाई का काम प्रभावित हुआ है। वहीं किसानों को डर सताने लगा है कि फसल की पैदावार भी घटेगी।

काबिलिजिक्र है कि जिला गुरदासपुर में कुल 130 मंडियों में गेहूं खरीद चल रही है। हालांकि जिले की मंडियों में अभी तक 38967 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हो चुकी है। इसमें से 29113 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। जबकि 9854 मीट्रिक टन गेहूं लेकर किसान विभिन्न मंडियों में खरीद होने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शनिवार को बारिश से किसानों की खुले आसमान के नीचे पड़ी 9854 मीट्रिक टन गेहूं भीग गई है। हालांकि खरीद की गई आढ़तियों की भी हजारों मीट्रिक टन गेहूं बारिश से भीगी है। गुरदासपुर सहित जिले की अन्य मंडियों में लिफ्टिग का काम धीमी गति से चल रहा है। किसानों की धड़कने तेज-

शनिवार को 6.2 एमएम बारिश दर्ज की गई। रविवार को भी आसमान में काले बादल छाए रहने के आसार हैं। इस कारण किसानों की धड़कने और तेज हो गई हैं। अगर इसी तरह से एक दो दिन मौसम खराब रहा और तेज बारिश के साथ ओला गिर गया तो किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो जाएगी। किसान अभी अपनी फसलों को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। ज्यादातर खेतों में या तो कटाई का काम चल रहा है या फिर फसल कट कर खलिहानों में रखी हुई हैं। बीते दो दिनों से चल रही तेज हवाओं और बारिश से कई जगहों पर खड़ी फसल टूट कर खेतों में बिछ गई हैं और जो फसल कटकर खलिहान में रखी हुई हैं उसके खराब होने की संभावना अधिक बढ़ गई है। दोनों ही स्थिति में किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

गेहूं से पानी निकालने में लगे आढ़ती व किसान संवाद सहयोगी,कलानौर इधर कलानौर के खरीद केंद्रों में गेहूं की फसल से बारिश का पानी निकालने के लिए आढ़तियों सहित किसानों के पसीने छूट गए। कलानौर मार्केट कमेटी के अधीन आती मंडी वडाला बांगर, काला गोराया, बुच्चेनंगल, कलानौर में खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं की फसल बारिश के पानी में पूरी तरह से डूब गई। किसानों का कहना है कि मंडियों में गेहूं की खरीद देरी से हो रही है। अगर टाइम पर खरीद हुई होती तो आज उनकी फसल बारिश के पानी से न भीगती। सरकार से मांग की कि मंडियों में शैडों का निर्माण करवाया जाए,ताकि बारिश से फसल को भीगने से बचाया जा सके। तिरपालों से ढकी गई है गेहूं-

जिला मंडीकरण अधिकारी कुलजीत का कहना है कि जिले की सभी मंडियों में गेहूं को बारिश से बचाने के लिए तिरपालों से ढका गया है। यहां तिरपालों की कमी आई है, वहां तिरपालें भिजवा दी गई है। गेहूं को बारिश से बचाया जा रहा है। जिले की अनाज मंडियों में 38967 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हो चुकी है। इसमें से 29113 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो गई है।

रियाल्टी चेक करवाते हैं-

डीसी मोहम्मद इशफाक का कहना है कि अगर जिले की मंडियों में अगर गेहूं को बारिश से नहीं ढका गया तो वह तुरंत रियाल्टी चेक करवाते हैं। अगर कोई खामी देखने को मिली तो वह संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएंगे।

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