जिला परिषद की दुकानों के किराये नहीं दे रहे दुकानदार

जिला परिषद की दुकानों का किराया दुकानदार नहीं दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:00 AM (IST)
जिला परिषद की दुकानों के किराये नहीं दे रहे दुकानदार
जिला परिषद की दुकानों के किराये नहीं दे रहे दुकानदार

बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर

जिला परिषद की दुकानों का किराया दुकानदार नहीं दे रहे हैं। दुकानदार किराये के करीब दो करोड़ रुपये दबाकर बैठे हैं। किराया वसूलने के लिए जिला परिषद के अधिकारी व कर्मचारी जाते हैं तो उन्हें आंखें दिखाई जाती हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का डर दिखाया जाता है।

हर बार होने वाली विभागीय बैठक में जब किराये की बात आती है तो अधिकारियों को खरी-खोटी सुननी पड़ती है, लेकिन मजबूरी इस कदर झलक रही है कि अकाली सरकार के समय में भी चली आ रही रीत को कांग्रेस सरकार के समय में भी ऐसे ही रहने दिया गया। नतीजा यह हुआ कि अब जिला परिषद ने ऐसे कई दुकानदारों से दो करोड से भी अधिक धनराशि वसूल करनी है, जो दुकानदार दबा कर बैठे हैं।

विभागीय रिकार्ड के मुताबिक जिला परिषद के पास 214 ऐसी दुकानें हैं, जो किराये पर दी गई हैं। इन सभी दुकानदारों से विभाग किराया वसूल करता है, लेकिन वर्ष 2001 से लेकर अब वर्ष 2021 तक करीब 20 साल का समय काल बीत जाने के बावजूद भी ऐसे कई दुकानदार हैं, जिन्होंने अपना किराया ही नहीं दिया। ये लोग अपनी राजनीतिक पावर का गलत इस्तेमाल कर अधिकारियों पर दबाव बनाकर पंजाब सरकार का पैसा दबाकर बैठे हुए हैं। रेलवे रोड मार्केट से एक करोड़ 16 लाख की वसूली करनी बाकी

जिला परिषद विभाग ने रेलवे रोड रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस के बाहर चलने वाली दुकानों से करीब 1 करोड़ 16 लाख रुपये की वसूली करनी बाकी है। इनमें से दुकानदारों ने 50 लाख रुपये की तक की धनराशि विभाग को जमा करा दी है। जबकि अभी भी एक करोड़ के आसपास धनराशि विभाग को असूल करनी है। ऐसे में विभाग की ओर से इन्हें कुछ समय दिया गया है। इसके चलते अगर वे तय समय के मुताबिक अपना किराया नहीं देते तो विभाग दोबारा से इन्हें नोटिस जारी करेगा। दुकानें खाली करवाने के भी हुए थे आर्डर

विभागीय रिकार्ड के मुताबिक जानकारी मिली है कि कुछ ऐसे दुकानदार थे, जिन्होंने कई सालों से अपना किराया ही नहीं दिया। मजबूर और उनका केस एडीसी डेवलपमेंट कार्यालय में लगा दिया गया, जहां पर उन्हें खाली करने के आदेश दिया गया। हालांकि इस पूरे प्रकरण में नतीजा यह रहा कि ना तो तहसीलदार ने विभाग का साथ दिया और ना ही पुलिस प्रशासन इस काम के लिए आगे आया। वहीं दुकानदारों ने राजनीतिक संरक्षण का सहारा लेते हुए विभाग को दबा लिया और उनका किराया नहीं दिया। इसके चलते आज भी वही लोग आराम से अपनी दुकानें चला रहे हैं, जो सरकार का करोड़ों रुपया दबा कर बैठे हैं। दुकानों का किराया माफ नहीं किया जाएगा : एडीसी

इस मामले में एडीसी बलराज सिंह का कहना है कि दुकानों का किराया किसी को माफ नहीं किया जाएगा। उनसे वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिव पंचायती विभाग बुद्धि राज उनसे किराया वसूल रहे हैं। हमने हाल ही में 70 लाख से ऊपर पैसे वसूल किए हैं। आने वाले दिनों में यह रकम वसूल की जाएगी जो रकम नहीं देगा। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।

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