जो कौम महापुरुषों व पूर्वजों को याद रखती हैं वह ही तरक्की करती हैं : अरुणा चौधरी

तीन दिवसीय समारोह के समापन दिवस पर रविवार को मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी जबकि रमन बहल चेयरमैन एसएस बोर्ड चौधरी अशोक दत्त सोमराज पूर्व विधायक (जम्मू कश्मीर ) विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हुए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 11:33 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 11:33 PM (IST)
जो कौम महापुरुषों व पूर्वजों को याद रखती हैं वह ही तरक्की करती हैं : अरुणा चौधरी
जो कौम महापुरुषों व पूर्वजों को याद रखती हैं वह ही तरक्की करती हैं : अरुणा चौधरी

संवाद सहयोगी, दीनानगर

वेद मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रामभज दत्त जी के 155 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष में तीन दिवसीय समारोह के समापन दिवस पर रविवार को मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी जबकि रमन बहल चेयरमैन एसएस बोर्ड, चौधरी अशोक दत्त, सोमराज पूर्व विधायक (जम्मू कश्मीर ) विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता सरदारी लाल आर्य उपाध्यक्ष आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब ने की ।

वेद मंदिर पर ओम का झंडा लहराने की रस्म के बाद शुरू हुए समारोह में कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि जो कौमें महापुरुषों और अपने पूर्वजों को याद रखती हैं वहीं कौमें तरक्की करती हैं ।

उन्होंने कहा कि चौधरी राम भज दत्त और पं. सत्य पाल भिक्षु ने स्वतंत्रता संग्राम तथा छुआछूत मिटाने के लिए जो कार्य किए उसे भुलाया नहीं जा सकता। मंत्री ने वेद मंदिर को विकास कार्यों हेतु देने पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। सरदारी लाल आर्य ने कहा कि हमें संगठित होने की आवश्यकता है जबकि अशोक दत्त में कहा कि भारत स्वतंत्रता से पूर्व हम लोग जातिवाद में बंटे हुए थे परंतु चौधरी राम भज दत्त जी तथा सत्यपाल भिक्षु जी ने समाज को इकट्ठा करने तथा छुआछूत मिटाने के लिए बहुत कार्य किए, रमण बहल ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

वेद मंदिर ट्रस्ट की तरफ से इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी ,एसएस बोर्ड के चेयरमैन रमण बहल को सम्मानित करने के अलावा करोना महामारी दौरान प्रथम पंक्ति में काम करने वाले पुलिस अधिकारियों तथा डाक्टरों को तथा अन्य कई विशिष्ट व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान जरूरतमंद महिलाओं को कंबल बांटें गए। इस समारोह में सूरज प्रकाश, रामस्वरूप कलारिया, तीर्थ राम ,विजय शास्त्री, युद्धवीर सिंह ,पुरुषोत्तम लाल, जीत राज, दयाराम, सुरेंद्र गुरणाल, गीता ठाकुर, श्यामलाल, डा. विजय अत्री, डा. रमेश कुमार, डा. सुखविदर कुमार ,डा. राणा, डा. पुनीत कुमार, बिदिया आदि शामिल थीं।

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