स्लम एरिया में लगने वाले कैंप में गंभीर मरीजों का नहीं हो रहा इलाज

असला लाइसेंस की फाइल देने के एवज में लाखों रुपयों की डोनेशन लेने वाली रेडक्रास सोसायटी की तरफ से जिले के स्लम एरिया में गरीब लोगों को तंदुरुस्त करने के लिए मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:30 AM (IST)
स्लम एरिया में लगने वाले कैंप में गंभीर मरीजों का नहीं हो रहा इलाज
स्लम एरिया में लगने वाले कैंप में गंभीर मरीजों का नहीं हो रहा इलाज

बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर

असला लाइसेंस की फाइल देने के एवज में लाखों रुपयों की डोनेशन लेने वाली रेडक्रास सोसायटी की तरफ से जिले के स्लम एरिया में गरीब लोगों को तंदुरुस्त करने के लिए मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। मंगलवार को जिले में 14वां मेडिकल कैंप लगाया गया। कैंप में ऐसे मरीजों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जो लकवा ग्रस्त व दिल के मरीज हैं। उन्हें दवाई लेने के लिए निजी अस्पतालों या फिर आयुर्वेद का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे साफ सिद्ध होता है कि सरकारी तौर पर लगाए जाने वाले इस कैंप में लोगों को क्या सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हालांकि लोगों में आक्रोश है कि कैंप में दी जाने वाली दवाई से ना तो उन्हें फर्क लग रहा है और ना ही दवाई ज्यादा असर करती है। 28

कैंप की सच्चाई मरीजों की जुबानी

65 वर्षीय महिला बिमला का कहना है कि उसे शुगर, हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी थी। कुछ महीने पहले उसकी एक बाजू व एक टांग लकवाग्रस्त हो गई। ऐसे में जैसे ही उसे अपने मोहल्ले में मेडिकल कैंप के बारे में सूचना मिली तो वहां पर मौजूद डाक्टर ने उसे केवल ब्लड प्रेशर की गोली दे दी। उसकी शुगर जांच भी शुरू कर दी। हालांकि ऐसे क्रानिक बीमारियों से संबंधित मरीजों की ईसीजी, इको व एंजियोग्राफी की जरूरत रहती है। इसके चलते मरीज को दोबारा से लकवा का अटैक ना आए उसके लिए उसे दवाई दी जाती है, लेकिन मेडिकल कैंप महज औपचारिकता में फोटो खिचवाने के चक्कर में लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। महिला का कहना है कि उसे दवाई लेने के लिए सुजानपुर के पास एक गांव बस रूप में जाना पड़ रहा है। जहां पर उसे लकवा से निजात दिलाने के लिए आयुर्वेद दवाई दी जा रही है और उसे पिछले कुछ दिनों में फर्क लग रहा है। महिला के मुताबिक मेडिकल कैंप से उन्हें कोई मतलब नहीं और ना ही उनका वहां पर इलाज हुआ है।

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गोली खाने से और बिगड़ गई महिला की तबीयत

17 वर्षीय महिला सुंदरा को ब्लड प्रेशर व दिल की धड़कन तेज होने की बीमारी लग चुकी है। उसने कैंप में बार-बार इस बारे में दवाई देने की अपील की, लेकिन डाक्टरों ने अपनी औपचारिकता पूरी करते हुए उसे जो गोली ले कर दी। उससे महिला की तबीयत और बिगड़ने लगी और उसे फर्क नहीं लगा। मजबूर महिला को परशुराम चौक में स्थित एक निजी अस्पताल में अपना इलाज करवाना पड़ा। सुंदरा का भतीजा का कहना है कि एक मशीन लेकर उसके शुगर की जांच जरूर कर ली जाती थी, लेकिन धड़कन के बढ़ने संबंधी किसी भी कार्डियोलाजिस्ट को नहीं दिखाया गया और ना ही इस बारे में उसकी कोई मदद की गई। इससे वह निराश है। कैंप में बांटी जाती हैं ये दवाइयां

भले ही रेडक्रास सोसायटी आम जनता का भला करने के लिए पिछले कुछ समय से लगभग 14 कैंप स्लम एरिया में लगा चुकी है, लेकिन ऐसे कम का क्या फायदा जहां पर लोगों को दवाई असर ही ना करें। कैंप में दैनिक जागरण की टीम को देखकर लोगों ने कहा कि कैंप में बुखार, ताकत, एंटीबायोटिक दवाइयां दी जा रही हैं जबकि कर्मचारी आते ही तस्वीर खिचवा कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों की तरफ कैंप में कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। लोग दुखी होकर निजी अस्पताल या फिर आयुर्वेद का सहारा लेकर अपना इलाज करवाते हैं। मैं कैंप में नहीं गया था : डाक्टर प्रिस

गुरदासपुर सिविल अस्पताल के सीनियर आर्थो स्पेशलिस्ट डाक्टर प्रिस का कहना है कि मंगलवार को उनकी कैंप में ड्यूटी नहीं होती। वे महीने में एक बार कैंप में जाते हैं जबकि सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में डॉक्टर प्रिस को वहां पर उपस्थित बताया गया। इससे साफ सिद्ध होता है कि प्रशासन महज औपचारिकता व अच्छे काम की चर्चा लेने के चक्कर में ऐसी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रहा है। एसएमओ डा. चेतना से सीधी बात

सवाल-- स्लम एरिया में क्रानिक जैसे दिल की लकवा बीमारियों से संबंधित मरीज हैं। उनकी जांच क्यों नहीं की जाती?

जवाब-- मेडिकल अधिकारी ऐसे मरीजों की जांच करते हैं। दिल के मरीज के लिए कार्डियोलाजिस्ट चाहिए होता है, जो हमारे पास उपलब्ध नहीं है।

सवाल-- स्लम एरिया के मरीजों का कहना है कि जो कैंप में दवाएं दी जाती हैं वे बेअसर होती हैं।

जवाब-- स्लम एरिया में बांटी जाने वाली दवाएं का अधिकतर हिस्सा सिविल अस्पताल प्रशासन की तरफ से मुहैया करवाया जाता है। इसमें कुछ दवाओं की हिस्सेदारी रेडक्रास की भी है। डीसी बोले-गंभीर मरीजों का नाम भेजें, इलाज करवाएंगे

दैनिक जागरण टीम की ओर से मंगलवार को स्लम एरिया में रियलिटी चेक किया गया। इसके बाद डीसी मोहम्मद इशफाक को मामले संबंधी पूरी जानकारी दी गई। इसमें उन्हें बताया गया कि वहां पर क्रानिक बीमारियों से संबंधित मरीज हैं, जिनका कैंप में इलाज नहीं होता। इसके बाद डीसी ने कहा कि दोनों मरीजों के नाम उन्हें व्हाट्सएप या टेक्स्ट मैसेज करें। वे अभी उनका इलाज शुरू करवाएंगे। जब डीसी को यह कहा गया कि सिविल के पास कोई कार्डियोलाजिस्ट नहीं है। इस पर उनका कहना था कि वे एंबुलेंस भेजकर इन दोनों मरीजों को बेहतर ट्रीटमेंट दिलाएंगे।

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