राजिंदर सिंह की शहादत को नम आंखों से किया नमन

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की 57 राष्ट्रीय राइफल्स के लांसनायक राजिंदर सिंह का दूसरा श्रद्धांजलि समारोह शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह की अध्यक्षता में गांव पबांराली कलां के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 03:23 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 03:23 PM (IST)
राजिंदर सिंह की शहादत को नम आंखों से किया नमन
राजिंदर सिंह की शहादत को नम आंखों से किया नमन

संवाद सहयोगी, डेरा बाबा नानक : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की 57 राष्ट्रीय राइफल्स के लांसनायक राजिंदर सिंह का दूसरा श्रद्धांजलि समारोह शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह की अध्यक्षता में गांव पबांराली कलां के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित किया गया। इसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए।

इसके अलावा शहीद की माता पलविंदर कौर, पिता सुरिंदर सिंह, पत्नी रणजीत कौर, बेटा गुरनूर सिंह, भाई बलविंदर सिंह व दलविंदर सिंह, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्य चक्र के पिता जगदेव सिंह, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंसराज, शहीद सूबेदार निर्मल सिंह वीर चक्र के बेटे मलकीत सिंह, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद नायक मनिंदर सिंह की पत्नी नायब तहसीलदार अकविंदर कौर व भाई गुरविंदर सिंह आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। डेरा बाबा नानक से नायब सूबेदार ओम प्रकाश के नेतृत्व में आई सात राज राइफल्स यूनिट के जवानों की टुकड़ी ने शस्त्र उलटे कर बिगुल की मातमी धुन से शहीद को सलामी दी गई। उसके बाद श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि पंजाब गुरुओं, पीरों व शूरवीरों की धरती है, जिसके डीएनए में ही कुर्बानी का जज्बा भरा है। मुख्यातिथि ने शहीद के परिजनों सहित 10 अन्य शहीद परिवारों को दोशाले व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर हरभजन सिंह, मलकीत सिंह, इंद्रजीत सिंह, अमन सिंह आदि उपस्थित थे। शहादत के दो वर्षो बाद भी वफा नहीं हुए सरकार के वादे

कुंवर विक्की ने कहा कि जब शहीद लांसनायक राजिंदर सिंह की तिरंगे में लिफ्टी पार्थिव देह गांव पहुंची थी तो उस समय सरकार ने शहीद की याद में यादगारी गेट व गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने की घोषणा की थी। मगर अफसोस शहादत के दो वर्षो बाद भी सरकार के वायदे वफा नहीं हुए, जिससे शहीद परिवार की भावनाएं आहत हैं। बेटा बोला : मैं भी बनूंगा पापा की तरह फौजी

शहीद राजिंदर सिंह के ढाई साल के बेटे गुरनूर जिसने शहीद पापा की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहन रखी थी, ने तोतली जुबान में कहा कि वह भी अपने पापा की तरह फौजी बनेगा। उसकी यह बातें सुन समारोह में शामिल हर आंख नम हो उठी। असहनीय होता है शहादत का दर्द : कैप्टन जोगिंदर

शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह ने कहा कि शहादत का दर्द असहनीय होता है। वे इस दर्द को भली भांति महसूस कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने खुद अपना बेटा देश की बलिवेदी पर कुर्बान किया है, इसलिए सरकारों को शहीद परिवारों के मान सम्मान की बहाली हेतु उचित कदम उठाने चाहिए।

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