किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव बना रहे निजी स्कूल

लॉकडाउन और क‌र्फ्यू के कारण पूरा देश आर्थिक मंदी की दौर से गुजर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 May 2020 06:46 PM (IST) Updated:Fri, 08 May 2020 06:06 AM (IST)
किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव बना रहे निजी स्कूल
किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव बना रहे निजी स्कूल

जागरण टीम, बटाला : लॉकडाउन और क‌र्फ्यू के कारण पूरा देश आर्थिक मंदी की दौर से गुजर रहा है। नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि लोगों के पास राशन खरीदने के लिए पैसे की कमी पड़ गई है। वहीं, निजी स्कूलों ने अभिभावकों से किताबों और स्टेशनरी खरीदने के लिए उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्रति बच्चे से लगभग 4500 रुपये के हिसाब से किताबों और स्टेशनरी के लिए पैसे लिए जा रहे हैं।

एक एनजीओ के प्रवक्ता मनीष कोछड़ ने निजी स्कूलों के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिगला को पत्र लिखकर उनके ट्विटर अकाउंट में डाला। फिलहाल इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया तो नहीं है, मगर प्रशासन में हड़कंप मच गया है। प्रशासन के हरकत में आने के बाद कुछ निजी स्कूलों ने अपना फैसला वापस ले लिया। संकेत मिल रहे हैं कि कुछ निजी स्कूलों के प्रबंधक राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखते हैं इसलिए वे नियमों को दरकिनार करके अभिभावकों से किताबें और स्टेशनरी के नाम पर मोटे पैसे वसूल रहे हैं। उधर, अभिभावकों ने कहा कि उन्हें तो यहां तक चेतावनी दे दी गई है कि अगर आपने स्कूल से किताबें और स्टेशनरी नहीं खरीदी तो बच्चे की एडमिशन रद कर दी जाएगी। बच्चे का साल न बर्बाद हो जाए, इसलिए उन्हें मजबूरीवश स्कूल से किताबें और स्टेशनरी खरीदनी पड़ी है। मालूम हुआ है कि शहर के लगभग 50 के करीब स्कूलों ने अभिभावकों को उनसे किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए मजबूर किया। मैसेज भेज किताबें खरीदने का भेजा नोटिस

अभिभावकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर निजी स्कूलों द्वारा मैसेज भेजा गया कि जल्द से जल्द स्कूल से किताब तथा स्टेशनरी खरीदें। मैसेज को देख अभिभावकों के पसीने छूटने लगे। बाद में स्कूलों के ऑफिस से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि किताबें और स्टेशनरी स्कूल से लेना अनिवार्य है, अन्यथा बच्चों की एडमिशन रद कर दी जाएगी। खाने के लिए पैसे नहीं, किताबें कहां से खरीदें

शहर के कई अभिभावकों ने कहा कि उनके पास तो खाने के लिए पैसे नहीं हैं तो ऐसे में किताबें कहां से खरीदें। ऊपर से स्कूल वाले उन पर किताबें खरीदने के दबाव बना रहे हैं। 12

किसी अभिभावक पर दबाव नहीं बनाया : जगदीश साहनी

उधर, पूर्व संसदीय सचिव और ऑल डीएवी स्कूल के चेयरमैन जगदीश साहनी ने कहा कि किसी अभिभावक को किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए दबाव नहीं बनाया गया है। अगर किसी अभिभावक को कोई स्कूल प्रशासन किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है तो वे उनसे संपर्क कर सकते हैं। शिकायत मिलने पर स्कूल की मान्यता होगी रद : एडीईओ

अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी लखविदर सिंह ने बताया कि यदि स्कूल किताबें खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं तो शिकायत करें। जिस निजी स्कूल के खिलाफ शिकायत आएगी उसकी मान्यता रद कर दी जाएगी।

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