भारतीय पोस्टों पर पाकिस्‍तानी हमले के बाद अस्तित्व में आया बीएसएफ, देश की रक्षा में हमेशा तत्‍पर

1965 में पाकिस्‍तान के हमले के बाद देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल का गठन किया गया। इसका गठन 1 दिसंबर 1965 को हुआ था। तभी से बीएसएफ के जवान देेश की सीमाओं की रक्षा के लिए तत्‍परता है।

By Edited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:29 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 11:27 PM (IST)
भारतीय पोस्टों पर पाकिस्‍तानी हमले के बाद अस्तित्व में आया बीएसएफ, देश की रक्षा में हमेशा तत्‍पर
एक कार्यक्रम के दौरान करतबाजी दिखाते सीमाासुरक्षा बल के जवाान।(फाइल फोटो)

डेरा बाबा नानक, [महिंदर सिंह अर्लीभन्न]। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हमेशा  तत्‍पर रहते हैं। बीएसएफ का गठन भारत व पाकिस्‍तान के बीच 1965 की जंग के बाद 1 दिसंबर 1965 को हुआ। इससे पहले अंतरराष्‍ट्रीय सीमाओं और सुदृढ़ हो गई।  

दरअसल, देश की आजादी के बाद भारत व पाकिस्‍तान के बंटवारे बाद दोनों देशों के बीच 1965 में हुई जंग से पहले भारतीय सीमा की रक्षा करने का जिम्मा संबंधित राज्यों की पुलिस के हाथों में थी। पाकिस्तान की ओर से नौ अप्रैल 1965 को रनकछ (गुजरात) में सरदार पोस्ट, शार बेट व बोरियां बेट की भारतीय पोस्टों पर हमला किया गया। इस दौरान भारतीय सीमाओं की सुरक्षा मजबूती के लिए स्पेशल बार्डर सिक्योरिटी फोर्स की आवश्यकता महसूस हुई। इसके बाद एक दिसंबर 1965 को बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) का गठन किया गया।

बीएसएफ भारत व विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है। उसके पहले महानिदेशक श्रीकेएफ रुसतम थे। बीएसएफ ने 1971 में भारत पाक युद्ध में देश की सीमा की रक्षा करते हुए पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया। इसके अलावा बीएसएफ सैनिकों ने लोंगोवाल की प्रसिद्ध लड़ाई में बढ़ चढ़ हिस्सा लिया और पाकिस्‍तान की फौज के छक्के छुड़ाए। बार्डर सिक्योरिटी फोर्स भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निरंतर निगरानी रखते हुए देश विरोधी तत्वों के नापाक इरादों को फोल करती आ रही है। इस समय बीएसएफ 6.385.39 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा जोकि कठिन दुर्गम रेगिस्तान, नदियां घाटी व हिमालय प्रदेशों में गुजरती हैं, पर होने वाली घुसपैठ, नशे, हथियारों आदि की तस्करी करने वाले देश विरोधी तत्वों के मंसूबे फेल कर रही है।

सीमा सुरक्षा बल को देश भर में दो कमानों में बांटा गया है। पूर्वी कमान कलकत्ता और पश्चिमी कमान चंडीगढ़ है। बीएसएफ के कुत्तों को ट्रेनिंग देन के लिए टेकनपुर में सेंटर है। यहां विभिन्न नस्लों के कुतों को ट्रेनिंग दी जाती है। 2014 से सीमा सुरक्षा बल द्वारा आधुनिकीकरण करते हुए बीएसएफ ने इन्फ्रारेड, थर्मल इमेजर, हवाई निगरानी के लिए एयरोस्टेट, नदी की सीमाओं की सुरक्षा के लिए जमीन, सेंसर डिपो, सोनार सिस्टम और लेजर सिस्टम के साथ विभिन्न घुसपैठ का पता लगाने वाले सिस्टम विकसित किए हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा की खातिर हाईटेक सिस्टम, नदियों और अन्य जगहों पर घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ ने पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के साथ सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ लगाई है। बीएसएफ जवानों को महावीर चक्र, अर्जुन पुरस्कार, शौर्य चक्र, पद्म भूषण चक्र, सेना पुरस्कार, वीर चक्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है।

कई राज्यों में खत्म किया आतंकवाद व उग्रवाद

बीएसएफ ने जम्मू-कश्मीर, बंगाल, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, असम और अन्य राज्यों में आतंकवाद का खात्मा किया। सीमा सुरक्षा बल समय-समय पर सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए चिकित्सा शिविरों के विकास में योगदान देता रहा है। बीएसएफ संयुक्त रूप से गुरुपर्व, जन्म अष्टमी, ईद और ईसाई समुदाय से संबंधित अन्य धर्मो के त्योहारों को भी मनाती है। उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल एक दिसंबर से देश भर में अपना 57वां स्थापना दिवस मना रहा है।

chat bot
आपका साथी