सिविल अस्पताल से निकाले गए दूसरे रास्ते को लेकर विवाद

सिविल अस्पताल (बब्बरी) को एक दूसरे रास्ते से सीधा बाईपास से जोड़ने का मामला राजनीतिक हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:28 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:28 PM (IST)
सिविल अस्पताल से निकाले गए दूसरे रास्ते को लेकर विवाद
सिविल अस्पताल से निकाले गए दूसरे रास्ते को लेकर विवाद

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : सिविल अस्पताल (बब्बरी) को एक दूसरे रास्ते से सीधा बाईपास से जोड़ने का मामला राजनीतिक हो गया है। बुधवार को शिरोमणि अकाली दल बादल के जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली अपने समर्थकों के साथ सिविल अस्पताल में पहुंचे और अस्पताल की पार्किग के बीचो बीच निकाले गए रास्ते को पूरी तरह से अवैध बताते हुए जिला प्रशासन से इसे तुरंत बंद करने की मांग की। उन्होंने इस मामले को लेकर एडीसी जनरल राहुल व एसएसपी डा. नानक सिंह को भी मांगपत्र सौंपा है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई न हुई तो बड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा।

उधर विधायक बरिदरमीत सिंह पाहड़ा का दावा है कि उक्त रास्ता बनाने के लिए अकाली सरकार के समय ही कार्यवाही शुरू हुई थी, जिसे उन्होंने पूरा करवा दिया है। सिविल अस्पताल में पहुंचे गुरबचन सिंह बब्बेहाली ने कहा कि सिविल अस्पताल से प्राइवेट कालोनाइजरों की ओर से रास्ता निकाला गया है। इस रास्ते से सरकारी अस्पताल की जमीन का नुकसान होता है। अगर अस्पताल में कोई अन्य इमारत बनानी हो तो नहीं बन सकती। अगर रास्ता अधिक चलता है तो जो रास्ता पहले बाईपास से अस्पताल को आता है, उसमें ट्रैफिक जाम लग सकता है। ऐसे में एंबुलेंस को जल्द अस्पताल पहुंचने में रुकावट पड़ सकती है और मरीजों का जानी नुकसान हो सकता है। इस रास्ते के खुलने पर जब ट्रैफिक की यातायात होगी और ऊंची आवाज में हार्न बजेंगे और धूल उड़ेगी। इससे अस्पताल में भर्ती मरीज परेशान होंगे।

बब्बेहाली ने कहा कि जो लोग मरीजों को लेकर अस्पताल में आते है, उनके लिए पार्किग की जगह भी कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रास्ते में गेट लगने से पहले सेहत विभाग के अधिकारियों की ओर से एसएसपी को पत्र निकाला गया था, लेकिन इसके बावजूद रास्ता निकल गया है। उन्होंने कहा कि यहां यह भी जांच का विषय है कि गेट लगाते समय जो दीवारें तोड़ी गई, उसकी ईटें कहां गई। उन्होंने मांग की है कि उक्त रास्ते को तुरंत बंद करवाया जाए और संबंधित लोगों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल के ध्यान में ला दिया गया है। अगर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा। रास्ते को लेकर कोई भी कानूनी अड़चन नहीं : सिविल सर्जन

मामले संबंधी सिविल सर्जन डा. हरभजन मांडी का कहना है कि उक्त रास्ते को लेकर पंजाब हेल्थ कारपोरेशन से अनुमति मिल चुकी है। हालांकि गेट की जगह को लेकर एसएमओ को कुछ शिकायत थी, लेकिन पुलिस व विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई जांच के बाद वह भी दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि कालोनाइजरों द्वारा रास्ता हेल्थ कारपोरेशन के नाम कर दिया गया है। इसके चलते रास्ते को लेकर कोई भी कानूनी अड़चन नहीं है और न ही कुछ भी गलत हुआ है। अकाली सरकार के समय से है दूसरा रास्ता बनाने की मांग : विधायक पाहड़ा

मामले संबंधी जब विधायक बरिदरमीत सिंह पाहड़ा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के लिए दूसरा रास्ता बनाने की मांग अकाली सरकार के समय चली आ रही है। सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा खुद इसकी मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि बब्बरी बाईपास चौक में लगातार हो रहे सड़क हादसों के चलते लोगों ने भी उनसे दूसरे रास्ते की मांग की थी। इसके चलते उन्होंने पंजाब हेल्थ कारपोरेशन को दो रास्तों की मंजूरी के लिए पत्र लिखा। उन्होंने बताया कि एक रास्ते के आगे पड़ने वाली जमीन के मालिक पैसे की मांग कर रहे थे, जबकि जिस जगह पर रास्ता निकला है, वह बिल्कुल मुफ्त मिला है। संबंधित लोगों द्वारा हलफनामा देकर जमीन सेहत विभाग के नाम कर दी गई है। चंडीगढ़ से कारपोरेशन की आई तीन सदस्यीय टीम द्वारा उस रास्ते को बिल्कुल सही बताया था। उसके बाद ही रास्ता निकाला गया है।

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