अब कोरोना के साथ डायबिटीज से भी जंग
कोरोना वायरस के साथ डायबिटीज की बीमारी भी लोगों में बढ़ती जा रही है। एकदम से डायबिटीज से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर : कोरोना वायरस के साथ डायबिटीज की बीमारी भी लोगों में बढ़ती जा रही है। एकदम से डायबिटीज से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। पहले कोरोना के साथ जंग लड़ी जा रही थी । अब डायबिटीज बीमारी के बढ़ते प्रकोप ने आम लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी चिता में डाल दिया है। स्वास्थ्य विभाग को अब दो महामारियों के साथ जंग लड़नी होगी।
जिले के गुरदासपुर व बटाला के सिविल अस्पतालों में रोज 40 से 45 लोग डायबिटीज के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। लॉकडाउन यानी 22 मार्च से लेकर तीन जुलाई तक 727 डायबिटीज से संबंधित मरीज दोनों अस्पतालों में पहुंच चुके हैं। डायबिटीज भी कोविड-19 की तरह एक महामारी है। वर्तमान समय में अब दो महामारियों का टकराव हो सकता है। टाइप -1 डायबिटीज से ग्रस्त लोग इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं कर सकते। ऐसे अधिकांश लोगों में शरीर की कोशिकाएं पेनक्रियाज हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देती है। उधर डॉक्टरों का कहना है कि यदि कोरोना संक्रमित मरीज को डायबिटीज हो जाती है तो उसे जान का खतरा रहेगा। डायबिटीज को पहले से ही कोविड-19 के जोखिम कारक के रूप में माना जाता है। इस स्थिति में यह कई बार जानलेवा साबित होता है। यदि आपको कोविड-19 है तो आप के लिए डायबिटीज डायनामाइट है।
डायबिटीज कैसे होती है
जब हमारे शरीर के पेनक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जोकि पाचक ग्रंथी द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। डायबिटीज हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। डायबिटीज के लक्षण ---
-ज्यादा प्यास लगना
-बार-बार पेशाब का आना
-आंखों की रोशनी कम होना
-कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
-हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
-बार-बार फोड़े-फुंसियां निकलना
-चक्कर आना
-चिड़चिड़ापन
विजिट
---22 मार्च से लेकर 3 जुलाई तक 727 डायबिटीज के मरीज गुरदासपुर बटाला के अस्पतालों में पहुंचे।
--- 40 से 45 लोग रोज बटाला व गुरदासपुर अस्पताल में डायबिटीज की बीमारी से संबंधित पहुंच रहे।
---25 फीसद 15 से 25 आयु वर्ग के बच्चे व युवा डायबिटीज से ग्रस्त पहुंच रहे।
---65 फीसद 45 से 60 आयु वर्ग के लोग डायबिटीज बीमारी से संबंधित पहुंच रहे।
- सात महिलाएं प्रतिदिन डायबिटीज बीमारी से संबंधित अस्पतालों में पहुंच रहीं
---437 गुरदासपुर में व बटाला में 290 मरीज अब तक डायबिटीज के पहुंचे।
20 जून से 3 जुलाई तक गुरदासपुर व बटाला के अस्पतालों की ओपीडी में 506 पहुंचे डायबिटीज के मरीज तिथि -- गुरदासपुर --- बटाला
20 जून -- 15 --- 12
21 जून -- 20 -- 23
22 जून -- 17 -- 15
23जून -- 25 -- 19
24 जून -- 14 -- 21
25 जून -- 23 --- 10
26 जून -- 18 --- 25
27 जून --- 16 --- 15
28 जून --- 24 --- 13
29 जून --- 19 --- 09
30 जून --- 21 --- 16
1 जुलाई --- 25 --- 20
2 जुलाई ---- 22 -- 18
3 जुलाई --- 20 ---- 13
नोट---गुरदासपुर में 277 बटाला में 229 डायबिटीज के मरीज पहुंचे।