जिसकी रक्षा भगवान करते हैं, उसे कोई नहीं मार सकता : नदिया महाराज
ठठियारी गेट स्थित श्री वेद मंदिर में हो रही भागवत कथा में चौथे दिन वीरवार को कथावाचक नदिया बिहारी जी महाराज ने लोगों को मार्गदर्शन किया।
संवाद सूत्र, बटाला : ठठियारी गेट स्थित श्री वेद मंदिर में हो रही भागवत कथा में चौथे दिन वीरवार को कथावाचक नदिया बिहारी जी महाराज ने लोगों को मार्गदर्शन किया। उन्होंने 18 दिनों तक चलने वाले महाभारत युद्ध के कई रहस्य उजागर किए। महाराज जी ने बताया कि इस युद्ध में कौरवों और पांडवों की सेना को मिलाकर कुल 18 अक्षौहिनी सेना थी। महाभारत युद्ध के बाद केवल 18 योद्धा ही शेष बचे थे। इस बीच उन्होंने युद्ध के दौरान एक रथ से गिरे घंटे के नीचे आए चिड़ियां के अंडे और युद्ध समाप्ति पर उनमें से चिड़ियों के बच्चों के निकलने पर बताया कि जिसकी रक्षा स्वयं भगवान करते हैं उसे कोई नहीं मार सकती।
महाराज जी ने श्रीमद् भागवत महापुराण की रहस्यमई लीलाएं भी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक बार माता लक्ष्मी और भगवान नारायण के बीच सर्वोत्तमता को लेकर चर्चा हुई। माता लक्ष्मी ने कहा कि उनके बिना संसार चल नहीं सकता तो नारायण भगवान ने अपनी माया से एक रचना रची। उसमें एक अर्थी को उठाए हुए लोग जा रहे थे और हरि का नाम सत्य है बोल रहे थे। लक्ष्मी माता ने भगवान के नाम से ज्यादा अपनी सर्वोत्तमता सिद्ध करने के लिए चांदी के सिक्कों की बरसात कर दी। अर्थी के पीछे और उसे उठाने वाले लोगों में सिक्के लूटने की होड़ मच गई। इसके बाद लक्ष्मी माता ने भगवान की ओर देखकर पूछा कि किसमें अधिक शक्ति है। इसके बाद भगवान ने अर्थी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरी वजह से ही आपका वजूद है। जिसमें मैं नहीं वह आपकी ओर देख भी नहीं रहा।