बटाला के हेरिटेज गेटों की शोभा बढ़ाई जाएगी, 20 लाख रुपये किए जाएंगे खर्च
पंजाब सरकार ने राज्य के ऐतिहासिक शहर बटाला को विकसित करने और विरासत का रूप देने के लिए कदम उठाए हैं।
संवाद सहयोगी, बटाला : पंजाब सरकार ने राज्य के ऐतिहासिक शहर बटाला को विकसित करने और विरासत का रूप देने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार की ओर से शहर के हेरिटेज गेटों की मरम्मत की जाएगी, जिस पर 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा के प्रयासों से बटाला शहर के हेरिटेज गेटों की मरम्मत और उन्हें खूबसूरत हेरिटेज लुक देने की योजना शुरू की जा रही है।
मंत्री बाजवा ने कहा कि बटाला शहर के प्राचीन द्वारों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दरवाजे की मरम्मत के लिए टेंडर आवंटित कर दिए गए हैं और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। बाजवा ने कहा कि बटाला शहर के नेहरू गेट (तेली गेट), खजूरी गेट, कपूरी गेट और अचली गेट की मरम्मत की जाएगी और एक सुंदर रूप दिया जाएगा। शहर के ऐतिहासिक गेट हाथी गेट अब खत्म हो गया है, इस गेट को दोबारा बनाया जाएगा। यह वही दरवाजा है, जिसे बाबा बंदा सिंह बहादुर ने 1711 और 1715 में दो बार जीतने के बाद बटाला शहर में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बटाला शहर को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है वहीं इस प्राचीन शहर के ऐतिहासिक महत्व को भी उजागर किया जाएगा।
बटाला में थे 12 दरवाजे, अब पांच बचे
गौर हो कि बटाला शहर की स्थापना राजा रामदेव भट्टी ने 1465 में की थी। इस शहर में 12 दरवाजे थे। इन दरवाजों के नाम खजूरी दरवाजा, पूरन मोरी दरवाजा, पहाड़ी दरवाजा, कपूरी दरवाजा, मियां दरवाजा, काजी मोरी गेट, ठाठरी गेट, भंडारी गेट, ओहरी गेट और तेली गेट थे। वर्तमान में 12 दरवाजों में से तेली दरवाजा, खजूरी दरवाजा, अचली दरवाजा, कपूरी दरवाजा और भंडारी दरवाजा बचे हैं। शेष सात दरवाजे खत्म हो चुके हैं।