मुख्तियार सिंह मामले में हाइकोर्ट ने बटाला एसएसपी से मांगा जवाब

मुख्तियार सिंह निवासी गांव सूखा चिड्डा की अपील पर पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए एसएसपी बटाला से जवाब मांगा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 01:50 AM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 01:50 AM (IST)
मुख्तियार सिंह मामले में हाइकोर्ट ने बटाला एसएसपी से मांगा जवाब
मुख्तियार सिंह मामले में हाइकोर्ट ने बटाला एसएसपी से मांगा जवाब

विनय कोछड़ बटाला : मुख्तियार सिंह निवासी गांव सूखा चिड्डा की अपील पर पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए एसएसपी बटाला से जवाब मांगा है। अदालत ने 3 मई को इस केस की स्टेटस रिपोर्ट सहित पेश होने के लिए बोला है। वर्ष 2018 में मुख्तियार सिंह की 23 कनाल जीमन पर 16 लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया। मुख्तियार सिंह ने पुलिस से शिकायत करवाई तो कोई सुनवाई नहीं हुई। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो अदालत ने एसएसपी बटाला उपेंद्रजीत सिंह घुम्मन को 16 लोगों के खिलाफ पर्चा दर्ज करने के आदेश दिए। एसएसपी ने जांच डीएसपी (डी) पलविद्र कौर को सौंपी। उन्होंने आगे मामला थाना रंगड़-नंगल में दर्ज करने के लिए बोला। कितु उस मामले में पुलिस ने केवल पांच के खिलाफ मामला दर्ज किया, जबकि ग्यारह को इस केस में शामिल नहीं किया। मुख्तियार सिंह को इस केस में इंसाफ नहीं मिला तो वे लिखित में शिकायत लेकर एसएसपी बटाला के पास पहुंचे, जिन्होंने जांच फिर डीएसपी (डी) परविद्र कौर को सौंपी। आगे मामले की जांच थाना रंगड़-नंगल के एसएचओ हरिकृष्ण को दी गई, जिन्होंने इस मामले की जांच एएसआइ दर्शन सिंह को दी। अब इस मामले में नया रोचक मोड़ आया है, पुलिस की इस केस की जांच रिपोर्ट हाथ लगी है, जिसमें पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था उनके बारे रिपोर्ट में लिखा है कि इनके खिलाफ लगाए आरोप गलत साबित हुए, इसलिए जल्द इनके पर्चा कैंसल किया जाए। उधर, मुख्तियार सिंह का केस लड़ रहे पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट के वकील रंजन लखनपाल ने बताया कि इस बार अदालत केस को लेकर काफी गंभीर है, उसने सख्त आदेश जारी किए हैं कि अगर पुलिस ने किसी आरोपित को बचाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएंगी। ये थे नामजद आरोपित

इस केस में अवतार सिंह, अरविद्र पाल सिंह, परमजीत सिंह, सरबजीत सिंह, चनन सिंह निवासी अमोनंगल के खिलाफ थाना रंगन-नंगल में 14 जुलाई 2018 को धारा 447, 511, 506 आइपीसी के अधीन मामला दर्ज कर लिया गया। उसके बाद आरोपितों ने एसएसपी आफिस एक एंक्वायरी लगवाई। जांच रिपोर्ट में पुलिस ने लिखा है कि लगाए आरोप गलत साबित हुई, इसलिए पर्चा कैंसल किया जाता है।

जांच अधिकारी पर लगे थे आरोप

मुख्तियार सिंह ने केस की जांच अधिकारी डीएसपी (डी) परविद्र कौर पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि जांच अधिकारी ने इस केस में अन्य ग्यारह पर पर्चा दर्ज करने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। उनके द्वारा इंकार करने पर डीएसपी ने कहा था कि जांच में वे किसी प्रकार की उनकी मदद नही करेंगी। इसके अलावा तत्कालीन थाना रंगड़ नंगल के एसएचओ हरिकृष्ण तथा केस के जांच अधिकारी एएसआई दर्शन सिंह द्वारा इस केस में 11 हमलावरों के नाम न डालने के आरोप लगे है।

जांच अधिकारियों के खिलाफ गिर सकती है गाज

केस की पैरवी कर रहे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील रंजन लखनपाल ने बताया कि इस केस को लेकर अगली सुनवाई में जज बड़ा फैसला ले सकती है। क्योंकि पिछली सुनवाई में जज ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस केस की सारी स्टेटस रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करें। अदालत ने साफ कर दिया है कि अगर इस बार केस में किसी प्रकार की कोताही सामने आई तो जांच अधिकारियों के खिलाफ गाज गिर सकती है।

केस की चल रही है जांच-डीएसपी (डी)

इस संबंध में डीएसपी (डी) परविद्र कौर ने बताया कि केस की जांच चल रही है। उधर, थाना रंगड़-नंगल के एएसआइ नरेश कुमार ने बताया कि इस केस की जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई। जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पर्चा कैंसल कर दिया गया। एसएसपी बटाला ने उस केस पर अपने हस्ताक्षर कर दिए।

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