निजी स्कैनिग सेंटर चेस्ट स्कैन के वसूल रहे दोगुनी राशि

कोरोना के लक्षण होने के बाद भी कई लोगों में आरटीपीसीआर व रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना की पहचान नहीं हो रही।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 02:50 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 02:50 PM (IST)
निजी स्कैनिग सेंटर चेस्ट स्कैन के वसूल रहे दोगुनी राशि
निजी स्कैनिग सेंटर चेस्ट स्कैन के वसूल रहे दोगुनी राशि

राजिदर कुमार, गुरदासपुर

कोरोना के लक्षण होने के बाद भी कई लोगों में आरटीपीसीआर व रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना की पहचान नहीं हो रही। ऐसे में कोरोना के इन संदिग्ध मरीजों को डाक्टर चेस्ट की स्कैनिग करवाने के लिए बोल रहे हैं। इससे सिटी स्कैनिग सेंटरों में कोरोना के संदिग्धों की भीड़ बढ़ गई है। मरीजों की कतार और मजबूरी का फायदा उठाकर निजी सिटी स्कैनिग सेंटर संचालक चेस्ट स्कैन के लिए दोगुना शुल्क वसूल रहे हैं। निजी सेंटर्स की मनमानी से कोरोना संदिग्ध जांच के साथ ही लूट का शिकार हो रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार द्वारा चेस्ट की स्कैनिग का रेट दो हजार रुपये तय किया गया है। लेकिन स्कैनिग सेंटर संचालक चार से साढ़े चार हजार रुपये वसूल रहे हैं।

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर वायरस के म्यूटेशन के कारण भी ज्यादा खतरनाक हो रही है। दरअसल हो ये रहा है कि म्यूटेंट वायरस का हमला होने पर कोरोना के नए-नए लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे में मरीज खुद को सामान्य मानते हुए जांच में देर कर देते है। यहां तक कि कोरोना की जांच के प्रचलित तरीके एंटीजन और आरटीपीसीआर से भी कोरोना पकड़ में नहीं आ रहा। ऐसे में डाक्टर लोगों को चेस्ट का सिटी स्कैन करवाने के लिए बोल रहे हैं। सिविल अस्पताल गुरदासपुर में सिटी स्कैन की सुविधा न होने के कारण लोगों को मजबूरन निजी स्कैनिग सेंटरों का रुख करना पड़ रहा है। निजी स्कैनिग सेंटर पर बड़ी संख्या में लोग स्कैनिग करवाने के लिए आ रहे हैं।

यहां स्कैन के स्कोर के आधार पर संक्रमण और उसकी स्टेज समझी जा रही है। सिटी स्कैन में अधिक रुझान के चलते निजी स्कैनिग सेंटर संचालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनकी लूट कर रहे हैं। वहीं सेंटर संचालकों द्वारा लोगों को यह कहकर भी गुमराह किया जा रहा है कि अगर व्यक्ति कोविड का मरीज हैं तो उनसे दो हजार रुपये लिए जाएंगे। अगर वह कोविड का मरीज नहीं है तो दो हजार से अधिक राशि वसूल की जाएगी। हैरानी की बात तो यह है कि सरकार ने सभी तरह की सिटी स्कैन के दो हजार रुपये रेट तय किए गए हैं। सिटी स्कैन बना मजबूरी

आरटीपीसीआर टेस्ट की जांच रिपोर्ट भी चार से पांच दिन बाद मिल रही है। इससे संक्रमित का सही समय पर उपचार शुरू नहीं होने से हालत बिगड़ जाती है। इसलिए भी अधिकतर कोरोना के संदिग्ध मरीज तुरंत सिटी स्कैन कराने को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं एंटीजन रैपिड टेस्ट पर कई चिकित्सक पूरा भरोसा नहीं करते। इसलिए संक्रमण का पता लगाने और जरूरत पर तुरंत उपचार शुरू करने के लिए सिटी स्कैन करवाने के लिए भेज रहे हैं। इस कारण लोगों के लिए सिटी स्कैन करवाना मजबूरी बन चुकी है। चेस्ट की स्कैनिंग के लिए चार हजार रुपये लिए

गुरदासपुर शहर निवासी एक मरीज ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि 13 मई को डाक्टर की सलाह पर वह गुरदासपुर के एक निजी स्कैनिग सेंटर पर गया। यहां उससे चेस्ट की स्कैनिग के लिए साढ़े चार हजार रुपये लिए गए। उसके पास इतने पैसे नहीं थे, लेकिन उसने अपने किसी परिचित से उधार लेकर पैसे चुकाए और उसका स्कोर हाई निकला जबकि उसका टेस्ट नेगेटिव था। --कोट्स

अगर निजी स्कैनिग सेंटर संचालक निर्धारित रेट से अधिक राशि वसूल रहे हैं तो वे निजी सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। कोविड के दौरान ऐसे लोगों की लूट करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। सेंटरों पर रियालटी चेक करेंगे।

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