लोक चेतना को समर्पित प्रि.सुजान सिंह की याद में समारोह करवाया

पंजाबी कहानी के जनक प्रिंसिपल सुजान सिंह की याद में सम्मान समारोह करवाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:35 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:35 PM (IST)
लोक चेतना को समर्पित प्रि.सुजान सिंह की याद में समारोह करवाया
लोक चेतना को समर्पित प्रि.सुजान सिंह की याद में समारोह करवाया

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर :

पंजाबी कहानी के जनक प्रिंसिपल सुजान सिंह की याद में सम्मान समारोह करवाया गया। राम सिंह दत्त देश भगत यादगार भवन गुरदासपुर के साहित्य केंद्र की ओर से पंजाबी लेखक सभा, प्रिं. सुजान सिंह के परिवार व डा. निर्मल सिंह आजाद के परिवार के सहयोग से सर्व डा. कुलदीप पुरी, डा. कर्मजीत सिंह, डा. दविदर शर्मा, दीप दविदर सिंह, मंगत राम पासला, प्रो. कृपाल सिंह योगी, सुलखन सरहदी, डा. लेख राज, एसपी सिंह गोसल, त्रिलोक सिंह बहरामपुर, किरतमीत सिंह कनाडा व मक्खन कोहाड़ की अध्यक्षता में करवाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान पहले प्रि. सुजान सिंह यादगारी पुरस्कार कहानीकार हरपिदर राणा को व दूसरा उत्साह वर्धक सम्मान मनमोहन सिंह बासरके को देकर सम्मानित किया गया। आर्थिक व खेती मुद्दों के प्रसिद्ध विश्लेषण डा. दविदर शर्मा को डा. निर्मल सिंह आजाद यादगारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कृषि संकट और समाधान विषय पर बोलते हुए डा. दविदर शर्मा ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि सुधार कानूनों को निरस्त कर दिया गया है, लेकिन एमएसपी की गारंटी के बिना किसान का जीवित रहना असंभव है। उन्होंने दुनिया भर में किसानों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त किया और स्पष्ट किया कि यह नगर सेवकों के दबाव के कारण हो रहा है और किसानों से भूमि अधिकार केवल उन्हें सस्ता श्रम प्रदान करने के लिए छीना जा रहा है।

इस अवसर पर मंगत राम पासला, डा. कर्मजीत सिंह, डा. कुलदीप पुरी, दीप देविदर, प्रो. कृपाल सिंह योगी, सुलखन सरहदी ने कहा कि प्रधानाचार्य सुजान सिंह का लेखन किसानों और मजदूरों के मुद्दों को समर्पित है। सुजान सिंह के परिवार द्वारा जिला साहित्य केंद्र गुरदासपुर के पांच सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। मक्खन कोहाड़ संयोजक द्वारा कुछ प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार को दसवीं कक्षा तक पंजाबी अनिवार्य करने के लिए धन्यवाद दिया और इन आदेशों को सख्ती से लागू करने की मांग की। कार्यक्रम में कुलदीप सिंह, सुरिदर कौर, बुआ सिंह सेखों, कंवलजीत कौर, गुरमीत, अमरजीत संधू, सरबजीत सिंह संधू, अमरीक कौर, रजवंत कौर, शीतल सिंह गुन्नोपुरी, सुभाष दीवाना, तरसेम सिंह भंगू, सोहन सिंह, जतिदर भनोट, गुरमीत बाजवा, बूटा राम आजाद, निशान सिंह, विजय अग्निहोत्री, सुच्चा सिंह पासनावल, प्रेम नाथ, शिव कुमार, प्रोफेसर एसपी अरोड़ा, मंगलदीप, जोगिदर पाल सैनी, रूप चंद शर्मा, अश्विनी कुमार जसकरण सिंह, एडवोकेट कुलदीप पुरोवाल, दिलदार भंडाल, प्रताप पारस, प्रीत राणा, मलकीत सुहाल, कपूर सिंह घुम्मन, कैप्टन कश्मीर सिंह, कामरेड मुलख राज, गुरदेव सिंह भुल्लर, परमजीत कौर और जतिदर कुमार मौजूद थे।

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