अटारी बार्डर बंद, पाकिस्तानी नमक का भाव आसमान पर
बीमारियों से बचाव के लिए लोग सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं वहीं क्षेत्र के लोग पुराना नुस्खा अपनाते हुए पाकिस्तानी सफेद व काले नमक खाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर
बीमारियों से बचाव के लिए लोग सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं, वहीं क्षेत्र के लोग पुराना नुस्खा अपनाते हुए पाकिस्तानी सफेद व काले नमक खाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। उधर, अटाली बार्डर बंद होने से पाकिस्तान काला व सफेद नमक का भाव आसमान को छू रहा है।
पाकिस्तान में बना काला व सफेद नमक बेचने का खानदानी कारोबार कर रहे हरियाणा राज्य से संबंधित कैथल के सतनाम सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से संबंधित सिध क्षेत्र का तैयार हुआ काला व सफेद नमक मानव सेहत के अलावा पशुओं के लिए गुणकारी माना जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले समय से अटारी बार्डर बंद होने के कारण पाकिस्तान से आने वाला नमक वाया ईरान से बंदरगाह के जरिए गुजरात आ रहा है। इससे सफेद व काले नमक का मूल्य आसमान को छू रहा है। अटारी बार्डर के खुलते समय उन्हें पाकिस्तान के सिध का बना शुद्ध काला नमक चार रुपये किलो व छह से सात रुपये किलो सफेद नमक मिलता था। मगर अटारी बार्डर बंद होने के बाद काला नमक दस से 12 रुपये प्रति किलो और सफेद नमक 18 रुपये से 25 रुपये किलो मिल रहा है। व्यापारी काले नमक को 25 रुपये किलो व सफेद नमक को 40 रुपये किलो बेच रहे हैं। मटकों में तैयार किया जाता है काला नमक
सतनाम सिंह ने बताया कि काला नमक मटकों में तैयार किया जाता है। वहीं पाक से संबंधित सिध क्षेत्र से आम विधि से ही तैयार किया जाता है। इससे इस नमक में मिट्टी के कण मिलावट नहीं है। इस पाकिस्तानी नमक से ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीजों के अलावा पेट की बीमारियों व पशुओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि वे हरियाणा के कैथल से पंजाब के विभिन्न जिलों में काला नमक व सफेद नमक बेच रहे हैं। पंजाब में पाकिस्तानी नमक खाने का रुझान बढ़ता ही जा रहा है।