दूसरी भाषाओं का ज्ञान जरूरी पर मातृ भाषा नहीं भूलें : संतोख

पंडित मोहन लाल एसडी कालेज फार वूमेन की लैंगुएज सोसायटी ने प्रिसिपल डा. नीरु शर्मा की अध्यक्षता में मातृ भाषा के महत्व विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 06:35 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 06:35 PM (IST)
दूसरी भाषाओं का ज्ञान जरूरी पर मातृ भाषा नहीं भूलें : संतोख
दूसरी भाषाओं का ज्ञान जरूरी पर मातृ भाषा नहीं भूलें : संतोख

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : पंडित मोहन लाल एसडी कालेज फार वूमेन की लैंगुएज सोसायटी ने प्रिसिपल डा. नीरु शर्मा की अध्यक्षता में मातृ भाषा के महत्व विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार के मुख्य वक्ता संतोख सिंह थे। डा. मुखविदर कौर, डा. दिनेश शर्मा, हरजीत कौर कलसी, पुनीता सहगल व कमलेश कुमारी ने अगवाईकर्ता के रूप में भूमिका निभाई। कंप्यूटर टेक्निकल सुरखाब व संदीप गोराया मुख्य तौर पर भूमिका निभाते रहे। पुनीता सहगल ने शामिल अध्यापकों को वेबिनार संबंधी जानकारी दी।

प्रिसिपल डा. नीरु शर्मा ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। संतोख सिंह आस्ट्रेलिया ने कहा कि संसार भर में पांच हजार भाषाएं बोली जाती हैं। उन्होंने पंजाबी, हिदू व उर्दू भाषा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि गुरु नानक साहिब ने जब अपनी बाणी पट्टी लिखनी शुरू की तो उस समय पंजाबी भाषा का रूप निखर कर सामने आए। उन्होंने कहा कि मातृ भाषा में बच्चा सोच सकता है, बोल सकता है और अपनी काबिलियत सिद्ध कर सकता है। उसी तरह अंग्रेजी, हिदी, संस्कृत, उर्दू के अलावा दूसरी भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन मातृ भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। संतोख सिंह ने विदेश में रहते अपने निजी अनुभवों को सांझे करते हुए कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा अंग्रेजी बोलनी, पढ़नी व लिखनी आती थी, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें उनकी मातृ भाषा पंजाबी ने ही रोजगार दिलाया। उन्होंने फिर से अपनी मातृ भाषा को न भूलने के बारे में प्रेरित किया। डा. दिनेश शर्मा ने संतोख सिंह का धन्यवाद किया। वेबिनार में शमिल सभी भागीदारों को ई सर्टिफिकेट दिए गए।

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