मंत्री बाजवा के करीबी सुखदीप तेजा बने बटाला नगर निगम के पहले मेयर

नगर निगम का दर्जा मिलने के लगभग एक वर्ष बाद शहर को सोमवार सुबह सुखदीप सिंह तेजा के रूप में पहला मेयर मिल गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:08 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:08 PM (IST)
मंत्री बाजवा के करीबी सुखदीप तेजा बने बटाला नगर निगम के पहले मेयर
मंत्री बाजवा के करीबी सुखदीप तेजा बने बटाला नगर निगम के पहले मेयर

जागरण टीम, बटाला : नगर निगम का दर्जा मिलने के लगभग एक वर्ष बाद शहर को सोमवार सुबह सुखदीप सिंह तेजा के रूप में पहला मेयर मिल गया। इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान के आदेशों केअनुसार वार्ड नंबर-42 से चौथी बार के विजेता सुनील कुमार सरीन को सीनियर डिप्टी मेयर और वार्ड नंबर-45 से पूर्व पार्षद चरणदास चन की पुत्रवधू चंद्रकांता को डिप्टी मेयर के पद से नवाजा गया। इस प्रकार से कांग्रेस हाईकमान ने बटाला की राजनीति में सिख, जट्ट, हिदू और अनुसूचित जाति वर्ग में समन्वय बनाकर अपनी राजनीतिक दूरदर्शिता का परिचय दिया है। सर्वसम्मति से हुए इस चुनाव में कैबिनेट मंत्री सुख सरकारिया और तृप्त राजिदर सिंह बाजवा ने मुख्य भूमिका निभाई है।

मेयर सुखदीप सिंह तेजा कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के करीबी बताए जाते हैं। उनको मेयर बनाने में मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा, नगर सुधार ट्रस्ट के अध्यक्ष कस्तूरी लाल सेठ और बलजिदर सिंह बोपाराए उर्फ एनआरआइ टीटू का विशेष योगदान है। नवनिर्वाचित सभी पदाधिकारियों और पार्षदों को जालंधर डिवीजन की कमिश्नर गुरप्रीत कौर ने शपथ दिलाई। पूर्व मंत्री अश्वनी सेखड़ी की मांग दरकिनार

बटाला के पूर्व कांग्रेस मंत्री और दिग्गज नेता अश्वनी सेखड़ी की मेयर के चुनाव में नहीं चली। सेखड़ी लंबे समय से किसी हिंदू नेता को बटाला नगर निगम का मेयर बनाने की मांग कर रहे थे। धार्मिक स्थलों में हुए नतमस्तक

शपथ ग्रहण के बाद मेयर सुखदीप तेजा, सीनियर डिप्टी मेयर सुनील सरीन और डिप्टी मेयर चंद्रकांता शहर की ओर रवाना हुए। इसके बाद ये धार्मिक स्थलों गुरुद्वारा श्री सतकरतारियां साहिब, सिद्धपीठ श्री काली द्वारा मंदिर और गुरुद्वारा श्री कंध साहिब में जाकर नतमस्तक हुए। दो बार सरपंच व एक बार पार्षद के बाद बने मेयर

मेयर सुखदीप सिंह तेजा गांव उमरपुरा से दो बार सरपंच और इस बार मिलाकर दो बार पार्षद रह चुके हैं। सीनियर डिप्टी मेयर सुनील कुमार सरीन चार बार पार्षद बने हैं। इससे पूर्व उनके पिता पाइया केवल कृष्ण सरीन भी अपने समय के नामवर कांग्रेस पार्षद रह चुके हैं। इसी तरह रेलवे से गजटेड पोस्ट से रिटायर डिप्टी मेयर चंद्रकांता के ससुर चरणदास चन अपने समय के विख्यात कवि और कांग्रेस पार्षद रह चुके हैं। अवैध कालोनियों में विकास कराना होगी मुख्य चुनौती

सीवरेज विभाग के अनुसार शहर में करीब 84 अवैध कालोनियां बनी हुई हैं, जिनमें हजारों लोग अपने घर बनाकर काफी लंबे समय से रह रहे हैं। इन कालोनियों का विकास कराना और उनसे फंड एकत्रित कराकर नगर निगम के खजाने में भरना मेयर के लिए मुख्य चुनौती होगी। पिछले कई वर्षो से कचरे के डंप के लिए जगह तलाश रहे नगर निगम को जगह मुहैया कराना भी नवनिर्वाचित मेयर के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। कोविड-19 के नियमों का नहीं रखा गया ध्यान

खुशी के इस माहौल में अधिकतर पार्षदों और उनके साथियों ने सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर जारी नियमों का ध्यान नहीं रखा। न किसी के चेहरे पर मास्क नजर आया और न ही किसी ने शारीरिक दूरी का ध्यान रखा। नगर निगम प्रशासन द्वारा सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। मीडिया को कवरेज की इजाजत नहीं मिलने पर हंगामा

शपथ ग्रहण समारोह की कवरेज करने के लिए पहुंचे मीडिया को टाउन हाल के अंदर जगह कम होने के नाम पर प्रशासन द्वारा इजाजत नहीं दिए जाने पर हंगामा हो गया। इस दौरान पत्रकारों ने नगर निगम में खुलकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। अति तो तब हुई जब शपथ ग्रहण के बाद अपने साथियों के साथ मेयर सुखदीप सिंह तेजा बाहर निकले तो आगे बढ़कर कवरेज करने वाले पत्रकारों को उनके साथियों द्वारा धक्का मारा गया। इस कारण पहले दिन ही मेयर को पत्रकार भाईचारे से माफी मांगनी पड़ी।

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