सिविल अस्पताल में लगे वाटर कूलरों में तैर रहे मच्छर और कीड़े-मकोड़े

वैसे तो सेहत विभाग लोगों को डोर टू डोर जाकर डेंगू के बचाव के लिए जागरूक कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:20 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:20 PM (IST)
सिविल अस्पताल में लगे वाटर कूलरों में तैर रहे मच्छर और कीड़े-मकोड़े
सिविल अस्पताल में लगे वाटर कूलरों में तैर रहे मच्छर और कीड़े-मकोड़े

राजिदर कुमार, गुरदासपुर

वैसे तो सेहत विभाग लोगों को डोर टू डोर जाकर डेंगू के बचाव के लिए जागरूक कर रहा है। लेकिन सिविल अस्पताल के वाटर कूलरों में डेंगू पनप रहा है और इस ओर किसी का ध्यान नहीं। आक्सीजन प्लांट के पास लगे तीन वाटर कूलरों का ऊपर वाला ढक्कन टूट चुका है, जिस कारण मच्छर और कीड़े मकोड़े पानी में तैर रहे हैं। अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके तमीरदार इन्हीं वाटर कूलरों से पानी पी रहे हैं। ऐसे में लोगों के गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की आशंका बढ़ गई है। अगर सेहत विभाग की टीम वाटर कूलरों में पानी के सैंपल लें तो डेंगू का लारवा मिल सकता है, क्योंकि डेंगू भी साफ पानी में ही पनपता है। ऐसे में सिविल अस्पताल प्रशासन लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिले का हेडक्वार्टर अस्पताल होने के चलते दूर-दराज गांवों से भी लोग इलाज के लिए यहां आते हैं। यहां तक कि अस्पताल के बहुत से सेहत कर्मी व आक्सीजन प्लांट का काम कर रही दिल्ली की कंपनी के कर्मी भी वाटर कूलरों से ही पानी पी रहे हैं। गौरतलब है कि सेहत विभाग की दस टीमें डेंगू की रोकथाम के लिए जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। लेकिन सेहत टीम अपने सरकारी अस्पतालों की ओर ध्यान नहीं दे रही। जरूरी नहीं कि डेंगू लोगों के घरों से ही मिले। लापरवाही तो सरकारी अस्पतालों में भी हो रही है। इसलिए सेहत टीम को अस्पतालों में डेंगू का लारवा चेक करने की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि अस्पताल में हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिले में अभी तक तीन लोग डेंगू से पीड़ित पाए जा चुके हैं। डेंगू मरीजों की संख्या और ना बढ़े इसलिए अस्पतालों में भी साफ सफाई का विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अधिकारी से की शिकायत

गांव भुंबली निवासी विजय कुमार ने बताया कि उसके रिश्तेदार का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह दो दिन से अस्पताल में भर्ती है। वह उसका हाल-चाल जानने के लिए अस्पताल में आया हुआ था। उसे प्यास लगी तो वह पानी पीने के लिए इमरजेंसी वार्ड के बाहर आक्सीजन प्लांट के पास लगे वाटर कूलर वाटर कूलर पानी पीने के लिए आया। लेकिन वाटर कूलरों के आसपास गंदगी देख वह हैरान रह गया। उसने पानी नहीं पिया, क्योंकि पानी में मच्छर और कीड़े मकोड़े तैर रहे थे। इस संबंधी उसने सेहत विभाग के बड़े अधिकारी से शिकायत भी की है। वाटर कूलरों के चारों तरफ गंदगी का आलम

वाटर कूलरों व उसके आसपास पिछले लंबे समय से साफ सफाई नहीं हुई है। वाटर कूलरों के पास ही कबाड़ (टूटे स्ट्रेचर ) का सामान एक कमरे में रखा हुआ है। यहां भी बहुत गंदगी है। पानी पीने के लिए सैकड़ों लोगों को पहले गंदगी में खड़े होना पड़ता है। कोट्स

वे तुरंत वाटर कूलरों को ठीक करवा देते हैं। इसके साथ ही वहां साफ सफाई का भी करवाने के निर्देश दिए जाएंगे। डेंगू का लारवा चेक करने के लिए पानी के सैंपल भी करवा दिए जाएंगे।

-डा. हरभजन राम मांडी, सिविल सर्जन।

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