फसल के अवशेष को खेत में मिलाने से बढ़ती है उपज
जिले के गांव बसंतगढ़ के किसान गुरदेव सिंह का कहना है कि यदि फसल अवशेष खेत में फैला दिया जाता है और अगली फसल बो दी जाती है तो फसल की उपज बढ़ती है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : जिले के गांव बसंतगढ़ के किसान गुरदेव सिंह का कहना है कि यदि फसल अवशेष खेत में फैला दिया जाता है और अगली फसल बो दी जाती है तो फसल की उपज बढ़ती है। इससे भूमि की उर्वरता भी बरकरार रहती है। उन्होंने कहा कि वे फसल के अंवशेष को नहीं जलाते हैं। उसे खेत में ही मिला देते हैं।
प्रगतिशील किसान गुरदेव सिंह ने बताया कि उनके पास 10 एकड़ जमीन है। वे छह एकड़ में हल्दी और चार एकड़ में धान की बुवाई कर रहे हैं। पिछले आठ साल से बिना आग लगाए अगली फसल बो रहे हैं। वे रोटावेटर और सुपरसाइडर से फसल की देखभाल करते हैं। उन्होंने कहा कि आग न लगाने से फसल की पैदावार बढ़ी है और वे अपने परिवार और ग्रामीणों को प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से खुद को बचाने में मदद कर रहा है। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इस पद्धति से उनकी भूमि की सेहत में काफी सुधार हुआ है और फसल की उपज और गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। उन्होंने किसानों से पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए पराली न जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेती आधुनिक तरीके से की जानी चाहिए और पर्यावरण को दिन प्रतिदिन प्रदूषित होने से बचाने के लिए पराली जलाने से बचना चाहिए। मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिदर सिंह ने कहा कि डीसी मोहम्मद इशफाक के नेतृत्व में विभाग द्वारा जिले के किसानों को पराली के प्रबंधन के बारे में जागरूक करने और भूसा ले जाने के लिए ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया है।