स्कूल से घर लौट रही छात्रा पर मनचलों ने किया तेजधार हथियार से हमला
सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल धर्मपुरा से अपनी सहेलियों के साथ घर वापस लौट रही छात्रा पर आवारा किस्म के युवक ने तेजधार हथियार से हमला कर दिया।
संवाद सूत्र, बटाला : सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल धर्मपुरा से अपनी सहेलियों के साथ घर वापस लौट रही छात्रा पर आवारा किस्म के युवक ने तेजधार हथियार से हमला कर दिया। शोरगुल सुनकर आसपास के मोहल्ला निवासी और स्कूल के अध्यापक हरप्रीत सिंह मौके पर पहुंचे और प्राथमिक चिकित्सा के लिए कन्या को वापस स्कूल ले आए। अध्यापक हरप्रीत के अनुसार छात्रा को तेजधार हथियार से मामूली खरोच आई है। उसे परिजनों के साथ घर भेज दिया गया है।
स्कूल के बाहर एकत्रित हुए छात्राओं के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल खुलने और छुट्टी के वक्त आवारा किस्म के युवक अपने दोपहिया वाहनों पर स्कूल के आसपास मंडराते रहते हैं। ये अपने वाहनों पर लगे विभिन्न प्रकार की आवाजें करने वाले हार्न दबाकर राह चलती हुई लड़कियों में दहशत का वातावरण पैदा करते हैं। घटना के बाद जब दैनिक जागरण की ओर से कुछ बुद्धिजीवियों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वैसे तो केंद्र सरकार की ओर से भी बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान का पिछले कई वर्षो से बढ़-चढ़कर प्रचार किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि 21वीं शताब्दी में प्रवेश करने के बावजूद लोगों की मनोदशा नहीं बदल पाई है। छात्राओं के अभिभावक आज भी अपनी बेटियों को अकेले स्कूल भेजने से कतराते हैं। स्कूल के बाहर पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग
अध्यापक हरप्रीत सिंह ने बताया कि छुट्टी के वक्त पीसीआर के कुछ कर्मचारी रोजाना स्कूल के आसपास ड्यूटी करते हैं, लेकिन शहर का बाहरी हिस्सा होने के कारण स्कूल के आस-पास कई गलियां लगती हैं। मनचले युवक पुलिस द्वारा पीछा करने पर इन गलियों में से घूमते घुमाते पुलिस को चकमा देकर रफूचक्कर हो जाते हैं। पुलिस प्रशासन को कन्या विद्यालय के बाहर अपनी पेट्रोलिग ज्यादा बढ़ानी चाहिए। वारदात के बाद पुलिस ने काटे चालान
इस घटना के बाद जब स्कूल के स्टाफ की ओर से पुलिस को सूचित किया गया तो पुलिस ने स्कूल के आसपास नाका लगाकर कई वाहनों की चेकिग की। इस दौरान अधूरे कागजात होने पर कई वाहन चालकों के चालान भी काटे। लेकिन शहरवासियों का प्रशासन से केवल एक ही सवाल है कि पुलिस की केवल एक दिन की कार्रवाई से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग पाएगी और छात्राएं स्वतंत्र रूप में अपने विद्यालयों तक सुरक्षित पहुंच पाएंगी।