बटाला में सीवरेज का काम जोरों पर

दशकों से सीवरेज की समस्या झेल रहा ऐतिहासिक शहर बटाला को जनवरी 2022 के बाद सीवरेज की समस्या से सदा के लिए मुक्ति मिलने की पूर्ण संभावना है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 04:37 PM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 04:37 PM (IST)
बटाला में सीवरेज का काम जोरों पर
बटाला में सीवरेज का काम जोरों पर

संजय तिवारी, नरेश भनोट, बटाला

दशकों से सीवरेज की समस्या झेल रहा ऐतिहासिक शहर बटाला को जनवरी 2022 के बाद सीवरेज की समस्या से सदा के लिए मुक्ति मिलने की पूर्ण संभावना है। पांच वर्ग किलोमीटर में फैले और 50 वार्डो में बसे पौने तीन लाख की आबादी वाले ऐतिहासिक शहर बटाला में नया सीवरेज डालने, खस्ताहाल सीवरेज की जगह नया सीवरेज बिछाने का काम जोरों पर है। अमृत योजना के तहत यह काम तेजी से हो रहा है।

जलापूर्ति एवं सीवरेज विभाग के एसडीओ गुरजिदर सिंह ने बताया कि अमृत योजना के तहत मार्च 2020 से बटाला में सीवरेज का काम हो रहा है। बटाला शहर में कुल मिलाकर 134 किलोमीटर सीवरेज की लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इस पर अमृत योजना के अधीन बनने वाली सड़कों सहित 288 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च होने की संभावना है। यह कार्य जनवरी 2022 तक मुकम्मल हो जाएगा। पहले इसकी डेडलाइन दिसंबर 2021 तक था। ये कार्य पूर्ण होने पर शहरवासियों को सीवरेज की समस्या से 99 फीसद छुटकारा मिलने की संभावना है। इन स्थानों पर पाइप बिछाने का काम जोरों पर

एसडीओ गुरजिदर सिंह ने बताया कि शहर में मौजूदा समय पर मुर्गी मोहल्ला, मान नगर, काहनूवान रोड, सागरपुरा, प्रीत नगर, शांति नगर, शास्त्री नगर, डेरा रोड, संत नगर, शुक्रपुरा, कोटला नवाब, नारायण नगर, जालंधर रोड, मलावे दी कोठी, उमरपुरा, हाथी गेट, मड़ियावाल, जालंधर-अमृतसर बाईपास, गांव तेलियावाल में कार्य पूर्ण जोरों पर चल रहा है। इनमें मड़िया वाल और डेरा बाबा नानक रोड का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। बारिश और सीवरेज के पानी को साफ कर खेती के कार्य में प्रयोग किया जाएगा

एसडीओ गुरजिदर सिंह ने बताया कि जालंधर-अमृतसर बाईपास के निकट पड़ते गांव शाहपुरा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। उसमें बारिश और सीवरेज के पानी को साफ सुथरा कर खेती के कार्यो में प्रयोग करने लायक बनाया जाएगा। यह प्लाट भी जल्द मुकम्मल हो जाएगा। अमृत योजना में तीन तरह के हो रहे कार्य

--सीवरेज : 70 साल पुराने और खस्ताहाल सीवरेज को उखाड़कर नया डालना।

--वाटर सप्लाई : जिन क्षेत्रों में वाटर सप्लाई की पानी आपूर्ति बाधित थी वहां सप्लाई का पानी पहुंचाना।

-सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट : गांव शाहपुरा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना।

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