दुश्मनों का दांत खट्टे करने में लगी आइपीएस डा. नवजोत सिम्मी

देवी मां के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 04:37 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 04:37 PM (IST)
दुश्मनों का दांत खट्टे करने में लगी आइपीएस डा. नवजोत सिम्मी
दुश्मनों का दांत खट्टे करने में लगी आइपीएस डा. नवजोत सिम्मी

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : देवी मां के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। यह स्वरूप हमें सही, सटीक और त्वरित निर्णय लेने की प्रेरणा देता है। आज हम आपको मिलवाते हैं जिले के गांव पक्खोवाल कुल्लियां की रहने वाली डा. नवजोत सिम्मी से, जिन्होंने आइपीएस बनकर साबित कर दिया है कि आज के युग में लड़कियां लड़कों से पीछे नहीं हैं। उच्च पद पर आसीन होकर सिम्मी ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। अब वह अपने परिवार की देखभाल करने के साथ ड्यूटी को तनदेही से निभा रही हैं।

आइपीएस नवजोत सिम्मी के पिता हंसराज व माता बलबीर कौर ने बताया कि उनका पैतृक गांव पक्खोवाल कुल्लियां गुरदासपुर है जबकि अब वह गुरदासपुर शहर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि सिम्मी को इससे पहले एक्साइज विभाग में बतौर ईटीओ नौकरी मिली थी, लेकिन उसे आइपीएस बनना था तो उसने तैयारियां भी जारी रखीं। आठ-दस माह नौकरी करने के बाद ही उसने आइपीएस की परीक्षा भी पास कर ली थी। 30 अप्रैल, 2018 को वह बैंक से सेवानिवृत्त हुए थे मगर उससे दो दिन पहले 28 अप्रैल, 2018 को उनकी बेटी आइपीएस बन गई थी।

नवजोत का जन्म 21 दिसंबर 1987 को हुआ था। नवजोत बिहार काडर की 2017 बैच की आइपीएस अधिकारी हैं। वर्ष 2016 में इन्होंने पंजाब सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी थी। उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली थी। 735वीं रैंक हासिल करते हुए नवजोत आइपीएस बनी थीं। नवजोत के पति तुषार सिगला पश्चिम बंगाल काडर के आइएएस आफिसर हैं। मेडिकल फील्ड में जाने के बजाय यूपीएससी की तैयारी की

नवजोत ने बताया कि उसने अपनी प्राइमरी शिक्षा गांव पक्खोवाल कुल्लियां के ही सरकारी स्कूल से हासिल की है। गुरदासपुर के एक निजी स्कूल से दसवीं पास करने के बाद सरकारी कालेज से 12वीं की। पीएमटी का टेस्ट उत्तीर्ण कर लुधियाना से बीडीएस की। लेकिन मेडिकल फील्ड में जाने के बजाय दिल्ली जाकर दो वर्ष यूपीएससी की तैयारी की। पुलिस ट्रेनिग के दौरान राजगढ़ में उन्हें महिला कांस्टेबलों के साथ बातचीत करने का मौका मिला तो उनकी मोटिवेशन जानकर बहुत खुशी हुई कि वह आगे भी पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हैं। वह फील्ड में जाकर कुछ करना चाहती हैं ताकि महिलाओं की एजुकेशन में कोई कमी ना आ सके। नवजोत के प्रधानमंत्री भी बन गए थे मुरीद

कुछ माह पहले हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी में आइपीएस नवजोत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूबरू हुए थे। तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि आपने तो दांत दर्द से राहत देने के लिए लोगों की सर्जरी करने का जिम्मा उठाया था। ऐसे में देश के दुश्मनों के दांत खट्टे करने का रास्ता क्यों चुना। मुस्कुराते हुए नवजोत सिमी ने कहा था कि सिविल सर्विसेज ने मेरा झुकाव पहले से ही था। डाक्टर और पुलिस का काम भी लोगों की पीड़ा दूर करना होता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि सिविल सर्विसेज के माध्यम से लोगों की समस्याओं के समाधान में अपना योगदान दे सकती हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आपने पुलिस फोर्स ज्वाइन की है। यह बात देश की बेटियों को प्रेरित करेगी।

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