धान के अवशेषों को खेतों में जोतें : डीसी
दूषित हो रहे पर्यावरण को बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने धान की कटाई करने के बाद बची हुई पराली को आग लगाने पर रोक लगाई है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : दूषित हो रहे पर्यावरण को बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने धान की कटाई करने के बाद बची हुई पराली को आग लगाने पर रोक लगाई है। किसान पराली को या तो पशु धन की जरूरतों के लिए एकत्र करके खेतों से बाहर निकाल कर संभाल लें या खेत में ही पराली को जोतकर अगली फसल की रोपाई की जाए। यह अपील डीसी मोहम्मद इशफाक ने की।
उन्होंने कहा कि आगामी कुछ दिन तक धान की कटाई का सीजन शुरू हो जाएगा। धान की कटाई के दौरान किसानों को जागरूक करने के लिए गांव स्तर पर बीडीपीओ, खेतीबाड़ी विभाग व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आदि के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पराली को जलाने से रोकने के लिए सेटेलाइट के जरिए खेतों पर नजर रखी जाएगी। पराली को जलाने से रोकने के लिए जिले में नोडल अधिकारी व सेक्टर अधिकारी तैनात किए गए हैं, जोकि खेती, प्रदूषण व माल विभाग के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिले में सैकड़ों किसान ऐसे हैं, जो कई साल से पराली व अवशेष को खेतों में जोत रहे हैं और उनका अनुभव है कि वे कम खर्च करके फसल का अधिक झाड़ लेते हैं। उन्होंने बताया कि खेतीबाड़ी विभाग द्वारा पराली की संभाल के लिए मशीनें किसानों, किसान ग्रुपों व सहकारी सभाओं को सब्सिडी पर मुहैया करवाई गई हैं।