आज से भारतीय नववर्ष प्रारंभ : गिल
13 अप्रैल से चैत्र प्रतिपदा शुरू हो रहा है। इसी दिन से भारतीय नववर्ष प्रारंभ हो जाएगा।
संवाद सहयोगी, दीनानगर : 13 अप्रैल से चैत्र प्रतिपदा शुरू हो रहा है। इसी दिन से भारतीय नववर्ष प्रारंभ हो जाएगा। हम विक्रमी संवत 2077 को अलविदा कह नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। मंगलवार से महीने की शुरुआत हो रही है, साथ ही नवदुर्गा की भी शुरुआत हो रही है। हालांकि भारत में भी अधिकांश लोग अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नववर्ष एक जनवरी को ही मनाते हैं। किन्तु हमारे देश में एक बड़ा वर्ग चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नववर्ष का उत्सव मनाता है। यह दिवस बहुसंख्यक हिदू समाज के लिए अत्यंत विशिष्ट है। इस तिथि से नया पंचांग प्रारंभ होता है और वर्ष भर के पर्व, उत्सव एवं अनुष्ठानों के शुभ मुहूर्त निश्चित होते हैं। ये बातें भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रधान परमिदर सिंह गिल ने कही।
गिल ने कहा कि भारतीय नववर्ष का पहला दिन यानी सृष्टि का आरम्भ दिवस, युगाब्द और विक्रम संवत जैसे प्राचीन संवत का प्रथम दिन, श्रीराम एवं युधिष्ठिर का राज्याभिषेक दिवस, मां दुर्गा की साधना चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस, आर्य समाज का स्थापना दिवस, संत झूलेलाल जयंती जैसे शुभ दिवस होता है। वास्तव में ये वर्ष का सबसे श्रेष्ठ दिवस है। भारतीय नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। ब्रह्मपुराण के अनुसार पितामह ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि का निर्माण प्रारम्भ किया था, इसलिए यह सृष्टि का प्रथम दिन है। इसकी काल गणना बड़ी प्रचीन है। सृष्टि के प्रारम्भ से अब तक 1 अरब, 95 करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 115 वर्ष बीत चुके हैं। यह गणना ज्योतिष विज्ञान के द्वारा निर्मित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी सृष्टि की उत्पत्ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बता रहे हैं। बहुत से लोग तो इस पर्व के महत्व से भी अनभिज्ञ हैं। आश्चर्य का विषय है कि हम परायी परंपराओं के अन्धानुकरण में तो रुचि लेते हैं किन्तु अपनी विरासत से अनजान हैं।