खेतों में देसी खाद डालने का रुझान बढ़ा

फसलों का अधिक झाड़ लेने के लिए किसान पहले रसायनिक खाद का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 03:07 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 03:07 PM (IST)
खेतों में देसी खाद डालने का रुझान बढ़ा
खेतों में देसी खाद डालने का रुझान बढ़ा

महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर

फसलों का अधिक झाड़ लेने के लिए किसान पहले रसायनिक खाद का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे थे। मगर इस बार इस खाद का मूल्य आसमान पर होने व जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों में देसी खाद डालने का रुझान बढ़ा है। इससे डेयरी मालिक व गुज्जर बिरादरी के लोग महंगे भाव में देसी खाद बेचकर चांदी कूट रहे हैं।

किसान अमृतपाल सिंह, बलदेव सिंह, परमिदर सिंह, जसविदर सिंह, सूबा सिंह, हरभजन सिंह, हरपिदर सिंह, रजिदर सिंह अठवाल आदि ने बताया कि अपनी जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए वे गोबर की देसी खाद खेतों में डाल रहे हैं। डेयरी मालिक व गुज्जर बिरादरी के लोग देसी खाद 1200 से लेकर 1500 रुपये तक प्रति ट्राली बेच रहे हैं। ट्राली का स्थानीय किराया 500 रुपये प्रति ट्राली और 400 रुपये प्रति लेबर देने के बाद दो हजार से 2500 रुपये प्रति ट्राली खर्च आ रहा है। एक एकड़ में प्रति कनाल के हिसाब से आठ ट्रालियां खाद डाली जा रही है।

पिछले समय में अधिकतर किसान पशुओं के गोबर अपने घरों के पशुओं से प्राप्त कर खेतों में डालते थे। लेकिन इस समय पशुओं की किल्लत के चलते घर की देसी खाद तैयार न होने से जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए मजबूरनवश महंगे भाव की खाद खरीद कर खेतों में डाली जा रही है ताकि देसी खाद से फसलों का झाड़ बढ़ सकें। इस बार रसायनिक खाद का मूल्य 1700 रुपये से अधिक होने से किसान देसी खाद खेतों में डालने को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक बार खेत में डाली देसी खाद चार साल तक जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाती है और जमीन अच्छा झाड़ देती है। देसी खाद गुणों का खजाना : डा. हरतरनपाल सिंह

जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डा. हरतरनपाल सिंह का कहना है कि देसी खाद जमीन के लिए गुणों का खजाना है। रसायनिक खाद डालने से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है। देसी खाद डालने से जमीन की उपजाऊ शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है। देसी खाद में नाइट्रोजन, फासफोरस, पोटाशियम, मैगनीज, जिक, फेर्समेट, कापर, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि जैसे भरपूर तत्व मिलते हैं। इसके अलावा देसी खाद पानी संभालने की क्षमता बढ़ाती है। जमीन सेहतमंद होने से पैदावार में अच्छी बढ़ोत्तरी होती है। किसान प्रति एकड़ में 12 टन खाद डालें।

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