कश्मीर की वादियों में गुरविदर सिंह ने पिया था शहादत का जाम

जब भी दुश्मन की नापाक ²ष्टि भारत मां के पाक दामन पर पड़ी तो सैनिकों ने उनके इरादों को नेस्तोनाबूद कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 08:01 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 08:01 PM (IST)
कश्मीर की वादियों में गुरविदर सिंह ने पिया था शहादत का जाम
कश्मीर की वादियों में गुरविदर सिंह ने पिया था शहादत का जाम

संवाद सूत्र, धारीवाल: जब भी किसी दुश्मन की नापाक नजर भारत मां के पाक दामन पर पड़ी तो देश के जांबाज सैनिकों ने उनके कुत्सित इरादों को नेस्तानाबूद कर धूल चटाते हुए अपना बलिदान देकर राष्ट्र की एकता व अखंडता को बरकरार रखा।

शहीदों की श्रृंखला में एक नाम आता है, गांव मानेपुर के गुरविदर सिंह का जिसने तीन साल पहले 26 वर्ष की अल्पायु में जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकियो से लड़ते हुए शहादत का जाम पिया था। इस वीर योद्धा के जीवन वृत्तांतो संबंधी जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने बताया कि शहीद कांस्टेबल गुरविदर सिंह का जन्म पिता सतविदर सिंह व माता सरबजीत कौर के घर हुआ।

खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल बुर्ज साहिब धारीवाल से 12वीं की कक्षा पास करने के बाद 2013 को यह बीएसएफ की 137 बटालियन में भर्ती हो गये। 8 जून 2017 को जब इनकी यूनिट जम्मू कश्मीर पुंछ सेक्टर के मंदिर मंडी में तैनात थी तो यह अपनी सैन्य टुकड़ी के साथ आतंकियों के सर्च अभियान पर निकले तो इनकी मुठभेड़ आतंकियों से हो गई। दोनों और से भीषण गोलाबारी हुई। इसी बीच एक गोली इनके सीने को भेदते हुए निकल गई। जिससे इस रणबांकुरे ने कश्मीर की वादियों से देशवासियों को अंतिम सैल्यूट करते हुए अपना बलिदान दे दिया। कुंवर विक्की ने बताया कि इस जांबाज सैनिक की शहादत को नमन करने के लिए आठ जून को गांव मानेपुर में एक श्रद्धांजलि का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल होकर इन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

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