थैलेसीमिया से पीड़ित 170 बच्चों का सहारा बनी सोसायटी
थैलेसीमिया वेलफेयर सोसायटी थैलेसीमिया से पीड़ित 170 बच्चों का इलाज करा रही है।
वरदीप तेजा, काला अफगाना
थैलेसीमिया वेलफेयर सोसायटी थैलेसीमिया से पीड़ित 170 बच्चों का इलाज करा रही है। गुरु नानक देव अस्पताल में बेबे नानकी बच्चा विभाग की बिल्डिंग की 6वीं मंजिल पर बने थैलेसीमिया वार्ड में पांच महीने की उम्र से 28 साल तक के थैलेसीमिया से पीड़ित करीब 170 बच्चों का इलाज सोसायटी के सहयोग से चल रहा है।
थैलेसीमिया काउंसलर संगीता शर्मा, सचिव न¨रदर महाजन ने बताया कि इस थैलेसीमिया वार्ड में जालंधर, तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के करीब 170 बच्चों का इलाज चल रहा है। इनकी उम्र सिर्फ 5 महीने से 28 साल तक है। इनमें 120 के करीब वे बच्चे हैं, जोकि घर से बहुत गरीब हैं और अपना इलाज नहीं करवा सकते। इन बच्चों को हर 15 दिन के बाद नया खून चढ़ाना पड़ता है। कई बच्चों को एक सप्ताह के बाद भी खून चढ़ाना पड़ता है। एक फिल्टर सेट की किमत 700 से 900 रुपये है, जोकि गरीब बच्चों की पहुंच में नहीं है। हर बार खून बदलने पर एक फिल्टर सेट लगता है। माता-पिता से बच्चों को होता है थैलेसीमिया रोग
इस संबंध में काउंसलर संगीता शर्मा ने बताया कि यह जीन्स रोग है। यह माता-पिता से बच्चों को होता है। इस भयानक बीमारी को जड़ से उखाड़ने के लिए विवाह से पहले लड़के लड़की को दो टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। सरकार को इस रोग को खत्म करना कोई मुश्किल का काम नही-प्रधान सतनाम ¨सह
थैलेसीमिया वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सतनाम ¨सह ने बताया कि वे पिछले 22 सालों से सोसायटी बनाकर गरीब बच्चों के इलाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेहत विभाग के एक डायरेक्टर के साथ पंजाब सरकार की तरफ से इलाज के लिए सहुलियत मुहैया कराने के लिए बात की गई थी, लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से कोई संजीदगी नहीं दिखाई गई। उन्होंने बताया कि पंजाब में इस रोग से 10 हजार बच्चे पीड़ित हैं। यदि पंजाब सरकार इस रोग के प्रति संजीदगी दिखाए तो इसको जड़ से खत्म करना कोई मुश्किल काम नहीं है।