शाम चार बजे अंधेरे में डूबा शहर, बारिश व ठंडी हवाओं ने करवाया ठंड का अहसास
शनिवार को शाम चार बजे के करीब अचानक से आसमान पर काले बादल छाने लगे और तेज बारिश हुई।
जागरण टीम, गुरदासपुर : शनिवार को शाम चार बजे के करीब अचानक से आसमान पर काले बादल छाने से दिन के समय ही शहर अंधेरे में डूब गया। जिसके बाद झमाझम बारिश व ठंडी हवाएं चलने से ठंडक का अहसास किया गया। बारिश से अधिकतम तापमान 24.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश ने धान की फसल के समेट रहे किसानों को भी चिता में डाल दिया है। उधर, मौसम विभाग ने रविवार को फिर से बारिश होने की भविष्यवाणी की है।
गौरतलब है कि अक्तूबर माह का अंतिम सप्ताह होने के कारण सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास किया जा रहा है। जबकि दोपहर के समय गर्मी ही महसूस की जाती है। हालांकि एक दो दिन से हवाएं तो चल रही थी मगर बारिश की कोई भी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी। मगर आज शाम चार बजे के करीब अचानक से आसमान पर घने काले बादल छाने लगे। एकदम से काले बादल छाने के साथ-साथ बारिश होने से दिन के समय ही शहर अंधेरे में डूब गया। जिसको देखकर प्रतीत हो रहा था कि मानो जैसे रात का समय हो। इसके बाद झमाझम बारिश शुरू होने से मौसम ने करवट बदल ली।
रेंगते नजर आए वाहन
दिन के समय ही अंधेरा छा जाने से आने जाने वाले वाहन रेंगते हुए नजर आए। इस दौरान वाहन चालकों ने अपने रफ्तार को धीमी करने के साथ-साथ लाइटें जलाकर अपने गतंव्य की ओर जाते हुए देखे गए।
उधर, ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में अपने कामकाज के लिए आए हुए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना। बारिश से बचने के लिए लोगों को आसपास की दुकानों पर जाकर शरण लेनी पड़ी।
मेहंदी लगाने वालों का काम हुआ प्रभावित
करवाचौथ व्रत को लेकर महिलाएं शहर में मेहंदी लगाने को लेकर महंदी लगाने वाले कारीगरों के पास पहुंच रही थी। दोपहर के समय तो अच्छी खासी कारिगरों के पास महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। लेकिन शाम के समय हुई बारिश से कारिगरों का काम प्रभावित हुआ, क्योंकि बारिश को देखते हुए कई महिलाएं अपने घरों से बाहर नहीं आई। इसके साथ अन्य दुकानदारों को भी नुक्सान झेलना पड़ा।
किसानों की बढ़ी चिता
इन दिनों धान की कटाई का काम जोरों पर चल रहा है। जबकि कई किसान काटी हुई धान की फसल को लेकर मंडियों में पहुंच रहे है। मगर आज हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिता की लकीर खींच दी है। बारिश से धान की फसल फिर से गीली हो जाने से अब किसानों को कटाई के लिए और दिन का इंतजार करना पड़ेगा। जबकि कई इलाकों में तेज हवाओं के चलते से धान की फसल जमीन पर बिछ गई। किसानों का कहना है कि कड़ी मेहनत करके वह फसल की बुआई करते है, मगर हर बार प्राकृतिक आपदाओं के कारण उन्हें नुक्सान झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें फिर से नुक्सान झेलना पड़ेगा।