सरकारी बैंकों की हड़ताल से 500 करोड़ के कारोबार प्रभावित

निजीकरण के खिलाफ सरकारी बैंकों की हड़ताल से जिले भर में 500 करोड़ रुपये के चेक क्लियर नहीं हो पाए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 06:40 PM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 06:40 PM (IST)
सरकारी बैंकों की हड़ताल से 500 करोड़ के कारोबार प्रभावित
सरकारी बैंकों की हड़ताल से 500 करोड़ के कारोबार प्रभावित

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : निजीकरण के खिलाफ सरकारी बैंकों की हड़ताल से जिले भर में 500 करोड़ रुपये के चेक क्लियर नहीं हो पाए। इस कारण सरकार को और लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले नौ यूनियनों ने सोमवार से दो दिन की बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियंस ने दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल बुलाई है। आल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने दावा किया कि इस हड़ताल में बैंकों के करीब दस लाख कर्मचारी और बैंक अधिकारी शामिल होंगे। यह हड़ताल 15 और 16 मार्च को होनी है।

हड़ताल से एसबीआइ, केनरा बैंक सहित कई बैंकों की सेवाएं प्रभावित हुई। कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को ब्रांचों और कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहने की सूचना दी है। बैंकों ने यह भी कहा है कि वे प्रस्तावित हड़ताल के दिनों में कार्यालयों और बैंक ब्रांचों के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने पेश हुए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी विनिवेश योजना के तहत दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। इन दो बैंकों का निजीकरण वित्त वर्ष 2021-22 में किया जाना है। इससे पहले सरकार आइडीबीआइ बैंक में अपनी बहुसंख्यक हिस्सेदारी साल 2019 में एलआइसी को बेचकर इसका निजीकरण कर चुकी है। साथ ही सरकार पिछले चार वर्षो में 14 सरकारी बैंकों का विलय कर चुकी है।

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