बारिश से अक्टूबर में हो रहा जनवरी का अहसास

रविवार को दूसरे दिन भी दोपहर तक हलकी बूंदाबांदी होने और पूरे क्षेत्र में पानी की सप्लाई बंद रही।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:14 PM (IST)
बारिश से अक्टूबर में हो रहा जनवरी का अहसास
बारिश से अक्टूबर में हो रहा जनवरी का अहसास

रवि कुमार, गुरदासपुर

रविवार को दूसरे दिन भी दोपहर तक हलकी बूंदाबांदी होने और पूरा दिन ठंडी हवाएं चलने से अक्तूबर महीने में ही जनवरी महीने का अहसास किया गया। मौसम के एकदम से करवट बदलने से सर्दी का अहसास किए जाने के चलते लोग गर्म जैकेट व स्वेटर पहनते हुए देखे गए।

उधर, शहरी व ग्रामीण इलाके में करीब 12 घंटे तक बिजली प्रभावित रहने से करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ी, क्योंकि बिजली न आने से पानी की टंकियां खत्म हो चुकी थी। जिस कारण उन्हें सुबह के समय सरगी खाने को लेकर स्नान करने के लिए परेशानी उठानी पड़ी। वहीं कल के मुकाबले आज तापमान दो डिग्री नीचे रहा। जिससे अधिकतम तापमान 22.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हालांकि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने की भविष्यवाणी की है।

गौरतलब है कि शनिवार शाम से ही मुसलधार बारिश होने के साथ-साथ तेज हवाएं चलने से मौसम ने एकदम से करवट बदली है। जिससे सर्दी का अहसास किया जाने लगा है। हालांकि रविवार को भी दोपहर तक बूंदाबांदी होती रही। जबकि पूरा दिन ठंडी हवाएं चलने से लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। जरूरी काम के लिए ही लोग बाहर निकलते हुए देखे गए।

महिलाओं को उठानी पड़ी परेशानी

शनिवार से ही बारिश होने के चलते बिजली गुल रही। हालांकि आज करवाचौथ के व्रत को लेकर महिलाओं द्वारा सुबह के समय सरगी को खाना होता है, लेकिन इससे पहले महिलाएं स्नान करती हैं, मगर बिजली न आने के चलते टंकियों में भी पानी पूरी तरह से खत्म हो गया था, जिस कारण महिलाओं को स्नान के लिए अपने आसपास लगे हुए हैंडपंप से ही पानी भरने के लिए मजबूर होना पड़ा।

दुकानदारों का काम रहा प्रभावित

त्योहारों का सीजन होने के चलते दुकानदार कोरोना महामारी के दौरान हुए नुक्सान की भरपाई करने को लगे हुए है, मगर बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेरने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है, क्योंकि बारिश और एकदम से हुई सर्दी के कारण लोग अपने घरों में से बाहर नहीं निकले। जिस कारण दुकानदारों को हाथ पर हाथ रखकर ग्राहकों का ही इंतजार करते रहे। हालांकि कोई कोई ही ग्राहक दुकानों पर देखने को मिला।

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