किसानों ने बासमती 1509 से मुंह फेरा, परमल 121 की रोपाई की ओर किया रुख
सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के किसानों ने बासमती 1509 की रोपाई से इस बार मुंह फेरते हुए परमल 121 की रोपाई के लिए बड़े स्तर पर पनीरी की तैयारी शुरू कर दी है।
संवाद सहयोगी, कलानौर : सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के किसानों ने बासमती 1509 की रोपाई से इस बार मुंह फेरते हुए परमल 121 की रोपाई के लिए बड़े स्तर पर पनीरी की तैयारी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि जिले में पिछले वर्ष एक लाख 75 हजार के करीब हैक्टेयर में धान की रोपाई की गई थी।
इस बार पीआर 121 (परमल) की पनीरी की तैयारी कर रहे किसान हरविदर सिंह, मनदीप सिंह, गुरमेज सिंह, गुरचरण सिंह, बलदेव सिंह, सरदूल सिंह, जसबीर सिंह, अमृतपाल सिंह, पलजिदर सिंह लाडी, सुखविदर सिंह, अमृतपाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष काश्त की बासमती 1509 का मूल्य कम व मंडियों में हुई बेकद्री के कारण इस बार किसानों द्वारा पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा मंजरशुदा किस्म पीआर 121 की काश्त करने के लिए पनीरी की तैयारी कर रहे हैं। पिछले वर्ष बासमती 1509 का मूल्य 1800 से 2200 रुपये होने और प्रति एकड़ झाड़ 16 से 20 क्विंटल निकलने से इस बासमती की काश्त घाटेमंद साबित हुई थी। इससे इस बार किसानों ने 1509 बासमती से मुंह फेर लिया है। इस बार किसान मंजूरशुदा 121 पीआर की रोपाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते धान की रोपाई के लिए लेबर की चिता भी उन्हें सता रही है। पिछले वर्ष प्रति एकड़ धान की रोपाई चार से पांच हजार रुपये दी थी। यदि इस बार भी लेबर की कमी रही तो धान की रोपाई के लिए किसानों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।