किसान रेलवे ट्रैक पर देंगे धरना, डीसी ने जिले में लगाई धारा 144
विधेयक को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विधेयक को रद करवाने की जंग में राजनीतिक पार्टियां भी किसानों के हक में कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट लग रही हैं।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : कृषि विधेयक को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विधेयक को रद करवाने की जंग में राजनीतिक पार्टियां भी किसानों के हक में कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट लग रही हैं। शुक्रवार को विभिन्न किसान संगठनों ने बंद की काल दी है, जिसे कांग्रेस, अकाली दल व आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन देने की घोषणा की है। वहीं, शुक्रवार को बंद को लेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। किसानों के विभिन्न संगठन सुबह नौ बजे गुरदासपुर के गुरु नानक पार्क में भारी संख्या में एकत्रित होंगे। इसके बाद वे शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष मार्च निकालेंगे और कुछ समय परशुराम चौक में धरना देने के बाद रेलवे ट्रैक पर जाकर धरना देंगे। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल की ओर से जिला प्रधान व पूर्व विधायक गुरबचन सिंह बब्बेहाली के नेतृत्व में बब्बरी बाईपास जाम किया जाएगा। आम आदमी पार्टी की ओर से भी केंद्र सरकार के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकालने के बाद जहाज चौक जाम किया जाएगा। जिले में कृषि विधेयक के विरोध में 25 जगह किसान व राजनीतिक दल रोष धरना देंगे। इसमें दीनानगर बटाला कलानौर डेरा बाबा नानक, गुरदासपुर पठानकोट नेशनल हाईवे आदि पर प्रदर्शन की तैयारियां चल रही हैं। इस दौरान एसएसपी डॉ.राजिदर सिंह सोहल शहर की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। शहर भर में माहौल खराब न हो इसके लिए पुलिस बल भारी मात्रा में तैनात किया गया है। जिले भर में करीब 1400 से अधिक पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
जिले में लगाई धारा 144--
वहीं, डीसी मोहम्मद इशफाक ने जिले में धारा 144 लगा दी है। एसएसपी राजिदर सिंह सोहल ने बताया कि जिले में पुलिस बल को हर घटनाक्रम पर नजर रखने के निर्देश दे दिए हैं। जिले के हर चौक चौराहों व धरनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेगा।
बसें व बाजार रहेंगे बंद--
किसानों के धरने दौरान जिले में बसें, बाजार, सड़कें बंद रहेंगी, जबकि दूध,ब्रेड की सप्लाई, एंबुलेंस व मेडिकल सेवाएं खुली रहेंगी। वहीं बसें बंद होने से लोगों को काफी दिक्कत होगी। पहले ही कोरोना महामारी के कारण बसें तकरीबन दो से ढाई महीने बंद रहीं । अब शुक्रवार को किसानों व राजनीतिक दलों के धरनों के कारण बसें फिर से बंद कर दी गई हैं।